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“चैता की चैत्वाली” गीत बना टर्निंग प्वाइंट, गुंजन डंगवाल के इंजिनियर से संगीतकार बनने की कहानी Gunjan Dangwal Life Story

gunjan dangwal best music director
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18 जून 2022 का ये दिन उत्तराखण्ड़ संगीत जगत के लिये स्याह दिन है। आज उत्तराखण्ड़ का एक उभरता हुआ संगीतकार मौत के आद्योष में सो गया। पहाड़ी गीतों में अपनी धुनों से चार-चांद लगाने वाले संगीतकार गुंजन डंगवाल का चंडीगढ़ सड़क हादसे में निधन हो गया। आज की इस पोस्ट में गुंजन डंगवाल के इंजिनियर से संगीतकार बनने की कहानी…?

सफर इंजिनियर से संगीतकार बनने का
सफर इंजिनियर से संगीतकार बनने का

कमल पिमोली

कहानी एक बच्चे की जिसने अपने पेशन को अपना प्रोफेशन बनाया, और किया लाखों दिलों पर राज-
कहानी गुंजन डंगवाल की Story of Gunjan Dangwal

अमित सागर द्वारा गाया गया चैता की चैत्वाली Chaita Ki Chaitwali गीत तो आप लोगों ने जरूर सुना होगा, शादी, पार्टियों में इस गीत पर जमकर थिरके भी होंगे। लेकिन क्या आपको मालूम है कि इस गीत से न केवल अमित सागर को प्रसिद्धी मिली बल्कि गुंजन डंगवाल का करियर भी आसमान छूने लगा। गुंजन डंगवाल की लाइफ का टर्निंग प्वांइट या यू कहे उत्तराखण्डी संगीत जगत में अपने लिये जगह बनाने में इस गीत का अह्म योगदान रहा। आखिर कैसे अमित सागर से गुंजन की मुलाकात हुई…? कैसे देखते ही देखते मशहूर संगीतकार बन गये गुंजन बतायेंगे तो चलिये शुरू से शुरू करते हैं।

गुंजन डंगवाल का जन्म 4 सितंबर 1996 को टिहरी गढ़वाल के अखोडी गावं में हुआ। गुंजन के माता पिता अध्यापक हैं। गुंजन ने अपनी शुरूआती शिक्षा टिहरी से की। गुजन के अंदर बचपन से ही संगीत को लेकर एक अलग सा आकर्षण था। वह सांस्कृतिक कार्यक्रमों में खिचे चले जाते थे। अभिभावकों के शिक्षा विभाग से जूड़े होने के कारण गुंजन को भी पढाई पर ध्यान देने के लिये कहा जाता था। लेकिन गुंजन को तो कुछ ओर ही करना था, कहॉ ध्यान पढाई पर लगता। कभी वार्षिक महोत्सव में डांस करना तो कभी किसी कार्यक्रम में गाना गा लेना। धीरे धीरे ये सफर ऐसे ही चलता रहा, लेकिन गुंजन को इसमे वो सुकुन नहीं मिल रहा था जो उसे चाहिये था। इसके बाद गुंजन का आकर्षण गीतों से हटकर गीतों में नई जान डालने वाले संगीत की ओर गया।
फिर क्या था गुंजन वाद्य यंत्रों में भी हाथ आजमाने लगा। और देखते ही देखते गुंजन वाद्य यंत्रोें को काफी अच्छे से बजाने भी लग गये। इससे उनकी संगीत में रूचि और भी बढ़ गई।

वह युवा जिसने दुनिया को अपने धुनों पर थिरकाया
वह युवा जिसने दुनिया को अपने धुनों पर थिरकाया

लेकिन घरवालों को ये मंजूर नहीं था वह तो बेटे को किसी अच्छे पद पर बैठा देखना चाहते थे, और चाहे भी क्यों न आखिर संगीत से पेट भरता है क्या….?
लिहाजा घरवालों ने गुंजन के लिये खुद ही एक शानदार करियर चुनने का फैसला किया और गुंजन का दाखिला पौड़ी गढ़वाल स्थित घुड़दौड़ी कॉलेज (Govind Ballabh Pant Institute of Engineering & Technology, Ghurdauri) में करवा दिया। यहॉ गुंजन हास्टल में रहते थे तो ज्यादा रोकने-टोकने वाला कोई था नहीं, लिहाजा पढाई से ज्यादा ध्यान यहॉ भी संगीत पर ही रहा। इस दौरान गुंजन की मुलाकात अमित सागर Amit Sagar से हुई। गुंजन को शायद पता नहीं था कि उनकी यह मुलाकात उनके करियर को नया आयाम देने वाली है। अमित सागर भी संघर्षो के दौर में थे तो उन्होंने गुंजन को रांझणा गीत पर म्यूजिक देने के लिये कहा। गुंजन ने गीत के लिये संगीत तो बनाया, लेकिन कुछ खास कमाल यह गीत दर्शकों के बीच नहीं कर पाया, लेकिन इससे न तो अमित सागर निराश हुये और न ही गुंजन डंगवाल। फिर क्या था दोनों ने एक और प्रोजेक्ट करने की सोची ‘‘चैता की चैत्वाली‘‘

वह गढवाली गीत जिसपर झूमे नान पहाड़ी भी
   वह गढवाली गीत जिसपर झूमे नान पहाड़ी भी

रात-दिन मेहनत करने के बाद गुंजन ने अमित सागर के लिये इस गीत पर जबरदस्त संगीत बना दिया।
गीत को रिलीज़ किया गया और गीत युवाओं से लेकर बुजुर्गो के बीच धूम मचाने लगा। चैता की चैत्वाली की धूनों पर क्या गढ़वाली, क्या कुमाऊनी, देश-विदेश तक के लोग थिरकने लगे। इस गीत ने अपने आप में इतिहास रच दिया।
इसी के साथ उत्तराखण्ड़ को मिला एक नया संगीतकार ‘‘गुंजन डंगवाल‘‘
इसके बाद गुंजन डंगवाल ने कभी पीछे मुडकर नहीं देखा एक के बाद एक कई हिट्स दिये। और देखते ही देखते उत्तराखण्ड़ का हर गायक गुंजन से अपने गीतों के लिये धुन बनवाने लगा।
गुंजन देहरादून शिफ्ट हो गये और यहॉ एक कमरे को अपना स्टूडियों बना लिया। इसी स्टूडियों में बैठकर गुंजन धुन बनाते और यहीं गायकों के गीत भी रिकार्ड करते। इसके बाद करियर पटरी पर आने के बाद उन्होनें अपना स्टूडियों खोल लिया और उत्तराखण्ड़ी गीतों की हिट मशीन बन गये।
सबकुछ ठीक चल रहा था, वह अपने अगले प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे तभी अचानक 18 जून को सूचना मिलती है कि उत्तराखण्ड़ का एक उभरता हुआ संगीतकार सड़क दुर्घटना में काल के गाल में समा गया। गुंजन डंगवाल की मौत उत्तराखण्ड़ संगीत जगत के लिय अभूतपूर्ण क्षति है।

यूके पीडिया इस दुख की घड़ी में परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करता है कि दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे। साथ ही परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करे।

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