‘‘उलार‘‘ कैंप में निखर रही बच्चों की प्रतिभा, नजीर पेश करती सरकारी शिक्षकों की अनूठी पहल
Jun 19, 2022
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इन दिनों श्रीनगर गढ़वाल में स्कूली छात्रों के लिये समर वेकेशन कैंप ‘‘उलार‘‘ का आयोजन किया जा रहा है। आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्रायें प्रतिभाग कर रही है। सरकारी शिक्षकों की पहल पर आयोजित इस उलार कैंप में क्या कुछ है खास बताते हैं आपको –
बच्चो को क्राफ्ट सिखाती शिक्षिका
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज श्रीनगर में स्वैच्छिक शिक्षक मंच की ओर से उलार समर कैंप आयोजित किया गया है। पांच दिवसीय समर कैंप में शिक्षकों का उद्वेष्य बच्चों के अंदर छिपे हुनर को बाहर निकालना व उसे निखारना है। कैंप में बड़ी संख्या में छात्र-छात्रायें पहुॅच रहे हैं। आयोजित कैंप में बच्चों को रंगमंच की विद्या, व्यायाम, कैलीग्राफी, पेंटिंग से लेकर आर्ट एण्ड क्राफ्ट के बारे में बताया जा रहा है। वहीं कविता, कहानी पाठ को लेकर भी बच्चों को शिक्षक व साहित्य जगत से जुड़े लोग काफी कुछ सिखा रहे हैं। शिविर में अब तक डेढ़ सौ से अधिक बच्चे पंजीकरण करवा चुके हैं। जीजीआईसी श्रीनगर में स्वैच्छिक शिक्षक मंच की पहल पर आयोजित ग्रीष्मकालीन रचनात्मक शिविर को अभिभावकों और बच्चों ने हाथों-हाथ लिया है। सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों के इस प्रयास को अभिभावक भी खूब सराहना कर रहे हैं। वहीं पुलिस के जवान भी यहां बच्चों से संवाद करने के लिए पहुंच रहे हैं। कोतवाली पुलिस द्वारा केम्प में जाकर छात्र-छात्राओं को नशा निषेध करने/ साइबर अपराध से कैसे बचें और यातायात नियमों के पालन करने के विषय में जागरूक किया गया। साथ ही छात्रों को नशा न करने के संबंध में शपथ भी पुलिस द्वारा दिलाई गई।
अभिभावक मिनाक्षी पंत बताती हैं कि उन्होंने इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन पहले कभी नहीं देखा। वे खुद शिक्षिका हैं और उनके बच्चे भी इस कैंप में प्रतिभाग कर रहे हैं। बच्चों को गर्मियों की छुट्टियाँ बिताने के लिए इससे बेहतर विकल्प नहीं हो सकता है। जहॉ बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ सीखने को भी मिले।
शिविर में पेंटिग व कविता पोस्टरों की लगाई गई है प्रदर्शनी
कार्यक्रम के आयोजक व शिक्षक महेश गिरी बताते हैं कि वर्तमान परिपेक्षय को देखते हुए यह बेहद जरूरी हो गया है कि बच्चों के कौशल का विकास किया जाये। आने वाले समय में रोजगार को लेकर चुनौतियॉ बढ़ने वाली है ऐसे में जिस बच्चे के अंदर जो हुनर है उसे निखारने की बहुत जरूरत है। जिससे कि वह अपने हुनर को रोजगार में तब्दील कर सके। महेश गिरी बताते हैं कि उलार कैंप आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य छात्रों के अंदर के स्किल को विकसित करना है। यह प्रयास पहली बार किया गया है, और प्रयास सफल होता दिखाई दे रहा है।
ये हैं कैंप में आकर्षण का केन्द्र
समर कैंप में प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया है। जिसमें संजय कुमार के डाक टिकटों का संग्रह, अरविंद नेगी के क्राफ्ट, दीपक भैगवाल के मुखौटे, विकास बिष्ट के हस्तशिल्प, आशीष नेगी के कविता पोस्टर व प्रदीप रावत के स्केच व सुलेख आकर्षण का केन्द्र हैे।
रंगमंच के गुण सीखते छात्र
शिक्षक अरविंद नेगी बताते हैं कि छात्रों में रचनात्मकता होना बेहद जरूरी है। स्कूल में केवल निर्धारित विषयों पर ही फोकस किया जाता है, जिससे छात्रों के अंदर की प्रतिभा कहीं दब सी जाती है। उसे निखारने में उलार समर कैंप मील का पत्थर साबित होगा। भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन का प्रयास वें करते रहेंगे।
बताते चलें कि श्रीनगर, पौड़ी समेत आस-पास के क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में पढाने वाले शिक्षकों की पहल पर यह पूरा आयोजन हो रहा है। आयोजित कैंप में प्रत्येक शिक्षक अपने-अपने विषय व कार्यक्षेत्र में कुशल है जिसका लाभ छात्रों को मिल रहा है। शंकर कैन्थोला, अजय सेमवाल,देवेन्द्र उनियाल,केशर सिंह असवाल, कृपाल सिंह पटवाल, शिव सिंह नेगी,पीयूष उनियाल, , दीपक भेंगवाल, सतीश बलोनी समेत अन्य शिक्षक कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग दे रहे हैं।