सेना में भर्ती होकर देश सेवा का जज्बा रखने और रोजगार की आस लगाए बैठे नौजवानों को केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना से झटका लगा है। आखरी बार हुई सेना भर्ती में कई अभ्यर्थी कड़ी मेहनत के दम पर सभी बाधाएं पार करके लिखित परीक्षा तक पहुंचे, लेकिन डेढ़ साल के इंतजार के बाद रिटन निरस्त होने की संभावना से युवा भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हो उठे हैं। सेना में चार साल की अस्थाई नौकरी और रिटन परीक्षा निरस्त होने से भड़के नौजवान रानीखेत की सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए। भारी बारिश के बीच आक्रोशित युवाओं ने नगर में रैली निकाल अग्निपथ योजना का विरोध किया। नौजवानों ने इस संबंध में संयुक्त मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को भी ज्ञापन भेजा। युवाओं ने कहा कि युवाओं के भविष्य के अलावा देश की सुरक्षा से खिलवाड़ हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देश सेवा के साथ रोजगार को लेकर आज भी नौजवान सेना में भर्ती होने का सपना संजोते हुए शुरू से ही इसकी तैयारी में जुट जाते हैं। डेढ़ साल पूर्व कड़ी मेहनत कर कई युवा सेना भर्ती की लिखित परीक्षा तक पहुंचे। तब से संबंधित अभ्यर्थी लिखित परीक्षा के इंतजार में बैठे हैं। लेकिन अब लिखित परीक्षा को निरस्त करके उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जबकि अग्निपथ योजना के नाम पर सेना में चार साल की सेवा का कोई औचित्य नहीं है।