जिला अस्पताल पौड़ी मे न्यूरो सर्जन की कमी मरीजों की जान पर भारी पड रही है दरअसल पहाडों में सडक दुर्घटनाओं समेत अन्य हादसों मे हताहत होने वाले मरीजों को जिला अस्पताल पहुंचाया तो जा रहा है लेकिन यहां न्यूरो सर्जन समेत अन्य सूपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों के न होने से ये अस्पताल गंभीर घायल मरीजों के लिये जिंदगी और मौत के संघर्ष का एक कारण भी बन रहा है दरअसल अब भी जिला अस्पताल गंभीर मरीजों के लिये महज एक रैफर सेंटर बनकर रह गया है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को श्रीनगर या फिर देहरादून हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है। वहीं गंभीर घायल मरीजों की हालत नाजुक होने पर कई मरीज तो अब तक बीच रास्ते में दम तोड चुके हैं। दरअसल पौड़ी जैसे पहाडी जिले में जनता को उम्मीद थी कि जिला अस्पताल सरकारी हाथो से पीपीपी मोड में चले जाने के बाद स्वास्थ सेवायें बेहतर होंगी लेकिन इन उम्मीदों पर अस्पताल खरा ही नही उतर पा रहा है और पहाडों की परिस्थितियो के बावजूद भी अस्पताल गंभीर चोटिल मरीजों के लिये महज रैफर सैंटर बनकर ही रहा गया है। जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक भी इस बात को स्वयं कबूल रहे हैं कि सूपर स्पेशलिस्ट डाक्टर अपनी सेवओं को निरंतर देने के लिये पहाड चढना नहीं चाहते यहीं वजह है कि अस्पताल रैफर सैंटर बन गया है। वहीं स्वास्थ मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि पूर्व कार्यकाल में सरकार ने इस अस्पताल को सरकारी हाथो से पीपीपी मोड पर दिया गया लेकिन अस्पताल में स्वास्थ सेवाएं बेहतर न होने पर अब वे अस्पताल को हटाये जाने पर गहनता से विचार विमर्श करेंगे।