पौड़ी जिले में इस साल लिंगानुपात का ग्राफ बढ गया है यहां 1000 बेटोे के मुकाबले 952 बेटियों का जन्म लेना इस आकडो को दर्शा रहा है कि जनपद में अब लड़का-लडक में कोई भेदभाव नहीं रहा। दरसअल वर्ष 2019-20 में जिले का येे आकडा 1000 बेटो के मुकाबले 950 जन्मी बेटियों का था लेकिन वर्ष 2021-22 में इस आकडे ने छलांग लगायी है और ये आकडा जिले में 1000 के मुकाबले अब 952 जा पहुंचा है वहीं जिले के 4 विकासखण्ड तो ऐसे हैं जिनमें बेटियों के अधिक जन्म लेने से राष्ट्रीय औसत का आकडा की फीका पड गया है। इन 4 ब्लाको में बेटियों का लिंगानुपात अधिक आंका गया है, जिसमें यमकेश्वर में ये आकडा सबसे अधिक है यहां 1000 बेटों के मुकाबले 1214 बेटियों ने इस बार जन्म लिया है। जबकि इसी तरह से पौड़ी में 1093 बेटियों ने जबकि ऐकेश्वर में 1085 और रिखणीखाल ब्लाक में 1046 बेटियों का 1000 बेटो के मुकाबले है। जिससे इन 4 ब्लाको ने राष्ट्रीय औसत को आसानी से पछाड डाला है। जिलाधिकारी पौड़ी विजय कुमार जोगदण्डे ने बताया कि स्वास्थ विभाग कि और से जिला प्रशासन की टीम लगातार अल्ट्रासांउड सैंटर्स पर भी नजर बनाये हुये थी जिससे कन्या भूर्ण हत्या जैसे अपराध न घटित हो वहीं ग्रामीण इलाको में जनजागरूकता का भी असर रहा है।