हरिद्वार में कांवड़ यात्रा का आज अंतिम दिन है और अंतिम दिनों में डाक कावड़ देखने को मिलती है। इस डाक कावड़ में कावड़िया एक छड़ी जैसी केन में गंगाजल भरकर 10 से अधिक ग्रुप के साथियों के साथ भागते नजर आते है। यह कावड़ अपनी श्रद्धा के अनुसार 24 ,48 और 72 घाटों तक चलती है। रिले रेस की तारह कावड़िए एक दूसरे को जल देते हैं और तब तक भागते रहते है जब तक कि उनका गंतव्य नही आ जाता । इस बार कावड़ यात्रा में करोड़ों की संख्या में यात्री पहुंचे हैं इनमें से डाक कावड़िए अधिकतम होते हैं और यह पूरे रास्ते इस तरह ही भोले का नाम लेकर भागते चले जाते हैं और मंदिर में जल अभिषेक करने पर ही सास लेते है। साथ-साथ यह रास्ते भर दूसरे ग्रुप के साथ दौड़ने की प्रतियोगिता करते आते हैं। इस कावड़ में अधिकतम लोग युवा और बच्चे होते हैं।