इन दिनों उत्तराखण्ड़ में केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना (Rishikesh Karnprayag Railway Project) चल रही है। जिसके तहत ऋषिकेश से लेकर कर्णप्रयाग तक रेलवे लाईन का निर्माण किया जाना है। यहॉ रेलवे अधिकतर सुरंग के रास्ते होकर गुजरेगी। परियोजना के बाद से ही इस परियोजना को लेकर दो अलग-अलग मत सामने आ रहे हैं। एक जो विकास के नाम पर परियोजना का समर्थन कर रहे हैं। दूसरे वो जो इसे पहाड़ों के लिए खतरनाक मान रहे हैं।
बहरहाल खबर चमोली Chamoli जिले से है यहॉ भी रेलवे निर्माण कार्य तीव्र गति पर है। लेकिन पहले ही मानसून ने रेलवे विभाग के करोड़ों रूपयों से की गई निर्माण कार्य की पोल खोल कर रख दी है। दरअसल रेलवे परियोजना के अंतर्गत सिवाई में बन रही निर्माणधीन रेलवे टनल के बाहर बनी दीवार भू-धसाव होने से छतिग्रस्त हो गई है। साथ ही टनल के ऊपर से गुजरने वाली कर्णप्रयाग सिवाई मोटर मार्ग भी लगभग 15 मीटर धसने के कारण पूर्ण रूप से बंद है। जिसके चलते 13 गांवों का संपर्क मुख्य बाजार से टूट चुका है।
ये तो निर्माण कार्य के बाद पहली ही मानसून थी जिसमें इस तरह के हालात देखने को मिल रहे हैं। अगर उच्च गुणवता के साथ आरवीएनएल व कार्यदाही संस्थाओं ने काम नहीं किया तो वो दिन दूरन नहीं जब इन सुरंगों में कोई बड़ा हादसा हो जाये और उसके बाद सरकार तब निर्माण कार्य की जॉच कराये। इसलिए यह आवश्यक है कि सरकार व प्रशासन इस महत्वकांशी परियोजना के कार्यो की मानिटरिंग करते रहे। जिससे कि भविश्य में कोई बड़ी घटना न हो।