इंदौर। आधुनिक जीवनशैली और खानपान से जुड़ी गलत आदतों के कारण आज निसंतानता की समस्या बहुत ही आम हो गई है। सही जानकारी के अभाव में युवा दंपति कई तरह के इलाज करवाने के बाद अंततः आईवीएफ करवाने पर मजबूर हो जाते हैं। आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, इसे टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहा जाता है। मेल पार्टनर में शुक्राणुओं की कमी, पीसीओडी की वजह से ओव्यूलेशन में समस्या, फैलोपियन ट्यूब में समस्या, एंडोमेट्रिओसिस या अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के फेल हो जाने पर डॉक्टर IVF की सलाह देते हैं। यह ना सिर्फ बहुत जटिल प्रक्रिया है बल्कि इसमें काफी पैसा भी खर्च होता है। इसलिए हर व्यक्ति इस विकल्प को नहीं अपना पाता है। इस समस्या का सरल और पुख्ता ईलाज आयुर्वेद में मौजूद है।
इंदौर रेडिसन चौराहे पर स्थित गर्भ वेदा क्लिनिक की फाउंडर सीनियर आयुर्वेदिक कंसल्टेंट और प्रसूति स्त्री रोग एवं निसंतानता विशेषज्ञ डॉ मोनिका चौधरी मरेठिया बताती है कि –
पुरुषों में भागदौड़ भरी जीवनशैली के कारण शुक्राणु बनने में परेशानी होना, शुक्राणुओं की कमी होना और अंडकोष से जुड़े विकार बहुत आम बात हो गई है। वही महिलाओं में भी पीसीओडी और पीसीओएस एक आम समस्या बनती जा रही है। इन सभी समस्याओं के कारण युवा दम्पतियों को प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अभाव में वे कई तरह के नुस्खे और इलाज करने लगते हैं। जिससे अंततः उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
सीनियर होम्योपैथिक कंसलटेंट और पुरुष निसंतानता एवं चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील मरेठिया बतातेे हैं कि – समय के साथ आयुर्वेद और होम्योपैथी में भी कई तरह के शोध हुए हैं और अब ये दोनों ही चिकित्सा विज्ञान में पहले से कहीं उन्नत हो गए हैं। कई जटिल बीमारियों के साथ ही गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक पूरा इलाज आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जरिए पूरी कुशलता के साथ किया जा सकता है।
80 प्रतिशत कम खर्च में सफलता की संभावना 99 प्रतिशत
डॉ सुनील व डॉ मोनिका चौधरी बताते हैं कि आयुर्वेद में प्राकृतिक तरीके से निसंतानता का इलाज किया जा सकता है। आईवीएफ की तुलना में इसका खर्च 80 प्रतिशत तक कम होता है और परिणाम 99 प्रतिशत मामलों में कारगर सिद्ध हुआ है। इसलिए गर्भ वेदा में हम चाहते हैं कि युवा अपनी जड़ों की ओर दोबारा लौटे और निसंतानता के इलाज के लिए आयुर्वेद और होम्योपैथी पर भरोसा करें। गर्भ वेदा में हम निसंतानता से लेकर गर्भधारण, गर्भ संस्कार और प्रसव तक संपूर्ण देखभाल और चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध करवाते हैं। यहां आयुर्वेदिक पंचकर्म और होम्योपैथी के जरिए 1200 से अधिक निसंतान दंपत्ति प्राकृतिक तरीके से संतान सुख प्राप्त कर चुके हैं।
जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का समाधान भी है आयुर्वेद में
डॉ मोनिका चौधरी मरेठिया कहती है कि आजकल ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी बीमारियां काफी कम उम्र में ही होने लगी है। उचित आहार, व्यायाम और अच्छी जीवनशैली के जरिए इन बीमारियों को समय से पहले आने से रोका जा सकता है परंतु यदि आप पहले से इन बीमारियों से जूझ रहे हैं तो इनका आयुर्वेदिक तरीके से बेहद कारगर इलाज गर्भ वेदा में किया जाता है। गर्भ वेदा में हम शरीर शुद्धिकरण, स्वर्णप्राशन और पंचकर्म चिकित्सा भी करते हैं।