श्रीनगर। विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत बेस अस्पताल में अस्पताल में जन्मे बच्चों की सुरक्षा एवं स्तनपान के फायदें के संदर्भ में नुक्कड़ नाटक आयोजित किया गया। जिसमें नाटक के जरिए अस्पताल के कर्मियों द्वारा स्तनपान और मां के दूध की खासियतें बताई गई। अस्पताल में पहुंची गांव-गांव की महिलाओं को स्तनपान सप्ताह की सही जानकारी मिले इसके लिए गढ़वाली भाषा में नाटक का मंचन किया गया।
बेस अस्पताल में बाल रोग विभाग के सम्मुख आयोजित नाटक में काउंसलर विजयलक्ष्मी उनियाल, नीतेश बुढ़ाकोटी द्वारा गढ़वाली भाषा में नाटक की रचना की गई। नाटक में विजयलक्ष्मी, रेखा गुप्ता, नाहिद अख्तर, रूचि, कुसुम मैठानी, दीपा देवी, रेखा तिवारी ने विभिन्न किरदारों में भूमिका निभाई। गढ़वाली भाषा में नाटक में दर्शाया गया कि स्तनपान मां और शिशु दोनों के लिए गुणकारी है। जितने अधिक समय तक मां शिशु को स्तनपान कराती है, उतने ही अधिक समय तक उसका फायदा दोनों को मिलता है। शिशु को कम से कम छह माह तक केवल मां का दूध पिलाना चाहिए।
कार्यक्रम में पहुंची गर्भवती महिलाओं द्वारा नाटक की शानदार प्रस्तुति को सराहा गया। बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. व्यास राठौर, डॉ. तृप्ति श्रीवास्वत, कम्युनिटी मेडिसिन से डॉ. जानकी ने नाटक की शानदार प्रस्तुति की सराहना की। इस मौके पर मनमोहन सिंह, प्रशांत, गीता, कैलाश, संतोषी सहित एमबीबीएस के छात्र मौजूद थे।