श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के लोक कला संस्कृति एवं निष्पादन केंद्र की ओर से आयोजित बाल रंग यात्रा के पांचवे दिन मार्शल पब्लिक स्कूल श्रीनगर के छात्रों ने अंधेर नगरी चौपट राजा नाटक का शानदार मंचन किया। संदीप देसू और विशाल जैन के निर्देशन में आयोजित नाटक के माध्यम से मूर्ख सत्ताधारियों पर तीखा कटाक्ष किया गया। साथ ही दर्शकों का मनोरंजन करने में भी नाटक सफल रहा।
केंद्र के प्रेक्षागृह में आयोजित नाटक की शुरुआत गणेश वंदना से हुई नाटक में गुरु और शिष्य तीर्थ यात्रा पर जाते हुए अंधेर नगरी में पहुंच जाते हैं। जहां सभी चीजों का मोल एक ही है, अर्थात टके सेर भाजी व टके सिर खाजा। गुरु के मना करने पर भी शिष्य उसी नगरी में रुक जाता है। मूर्ख राजा के दरबार में एक फरियादी आता है, जिसकी बकरी को किसी ने मार डाला। मुजरिम को पकड़ कर लाया जाता है व उसे मौत की सजा सुनाई जाती है। फंदा बड़ा होने के कारण मुजरिम के गले में ठीक नहीं आता, राजा द्वारा निश्चित किया गया कि इसे छोड़ दो व ये फंदा जिसके गले में ठीक से आ जाए, उसे पकड़ कर फांसी पर चढ़ा दो। फंदा शिष्य के गले में ठीक आ जाता है, उसे उठा लिया जाता है। तभी उचित समय पर गुरु जी आ जाते हैं व शिष्य के द्वारा राजा तक ये बात पहुंचा देते हैं कि जो कोई भी व्यक्ति इस शुभ नक्षत्र में फांसी पर चढ़ेगा वह सीधा स्वर्ग में जाएगा। स्वर्ग में जाने के चक्कर में राजा खुद ही फांसी पर चढ़ जाता है।
ये नाटक शिक्षा देता है कि जिस देश में मूर्ख व विद्वान दोनों को एक ही नजर से देखा जाए, उस देश में निवास नहीं करना चाहिए। नाटक में किरदार निभाने वाले छात्र-छात्राओं में संस्कार, रुद्र, आदित्या, अंश, प्रशांत, दक्ष, तन्मय, सबूर, रजत, लक्की, श्रेयांशी, सिमरन, वैभव, ध्रुव, अर्णव, अक्षिता, वानिया,आरुषि, शगुन, रिया, श्रेया, गरिमा, राशि, दीक्षा, कनिष्का, कोमल, रागिनी, श्रुति, दिपाली आदि मौजूद रहे।