कभी उत्तराखण्ड़ व बागेश्वर की फिजाओं में कैले बजे मुरूली गीत गुंजता था, और जादू चलता था उस लोक गायक के गीतों का जिसने पहाड़ की व्यथा से लेकर प्रेम के गीतों को अपनी जादुई आवाज के जरीये लोगों तक पहुॅचाया।
नाम गोपाल बाबू गोस्वामी
जिसे पूरा उत्तराखण्ड़ आदर सम्मान के साथ आज भी याद करता है।
इन दिनों एक बार फिर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक बार फिर गोपाल बाबू गोस्वामी फिर चर्चाओं में आ गये हैं।
चर्चाओं में आने का कारण है उनके पुत्र जगदीश गोस्वामी
जी हॉ ये वहीं जगदीश गोस्वामी हैं जिन्हें एसटीएफ ने यूकेएसएससी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया है। आपको बता दें कि रविवार को जगदीश गोस्वामी की गिरफ्तारी हुई जोकि राजकीय माध्यमिक विद्यालय मलसुला बागेश्वर में शिक्षक के पद पर तैनात है। आपको जानकर हैरानी होगी कि गिरफ्तार शिक्षक जगदीश गोस्वामी प्रसिद्ध लोकगायक गोपालबाबू गोस्वामी के पुत्र हैं। इनके चार पुत्रो में तीसरे नम्बर के पुत्र जगदीश गोस्वामी हैं लेकिन रुपयों की भूख ने उन्हें इस दलदल में धकेल दिया।
जगदीश खुद एक शिक्षक हैं, वो हर महीने करीब लाख रुपये सैलरी पाते हैं लेकिन इसके बाबजूद भी ज्यादा रुपये कमाने की होड़ में वो इस नकलमाफ़िया गिरोह का हिस्सा बन गए। और अब एसटीएफ के चंगुल में फस गये। अब तो ये देखना और भी दिलचस्प होगा कि और कौन-कौन से किरदार इस पेपर लीक मामले में अह्म भूमिका में थे। क्या कोई बड़ा नेता या अधिकारी भी इस पूरे प्रक्ररण में शामिल था। क्योंकि अभी तक ऐसा कोई चेहरा सामने नहीं आया है इसलिए इस मामले की जॉच सीबीआई को सौंपने की मांग भी युवाओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा उठाई जा रही है।
लोक गायक के बेटे की गिरफ्तारी, पिता ने गाये पहाड़ की दर्द के गीत बेटे ने किया पैसों का सोदा
