• Thu. Oct 5th, 2023

The uk pedia

We Belive in Trust 🙏

देवप्रयाग के पहाड़ खोदने के लिए पहुॅच गया दानव TBM Shakti, जाने वजह आखिर क्यूं जर्मनी से सीधे उत्तराखण्ड़ पहुॅचा है टीबीएम

Aug 30, 2022
TBM Shakti reached Devprayag to dig the mountain
Spread the love

“अब उत्तराखण्ड़ में सुरंग निर्माण का कार्य सुस्त गति से नहीं होगा क्योंकि अब उत्तराखण्ड़ के पहाड़ों को खोदने के लिए टीबीएम शक्ति पहाड़ चढ़ चुकी है” TBM Shakti reached Devprayag to dig the mountain

देवप्रयाग। केन्द्र सरकार की महत्वकांशी परियोजना ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना (Rishikesh Karnprayag Railway Project) का निर्माण कार्य तीव्र गति पर चल रहा है। जिसके तहत ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाईन बिछाई जानी है। अधिकांश जगहों पर रेलवे सुरंग से होकर जायेगी, ऐसे में सुरंग निर्माण कार्य तीव्र गति पर है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में कुल 17 सुरंगों का निर्माण होना है। जिनमें से 16 सुरंग एनएटीएम (न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मैथर्ड) और सौड़ (देवप्रयाग) से जनासू तक 14 किमी लंबी सुरंग का निर्माण टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) (Tunnel Boring Machine Shakti) से किया जा रहा है।
इसी टीबीएम मशीन से बनने जा रही सौड़ से जनासू सुरंग निर्माण के लिए महा दानव टीबीएम शक्ति पहाड़ चढ़ चुका है। टनल बोरिंग मशीन Tunnel Boring Machine शक्ति सौड़ देवप्रयाग स्थित परियोजना स्थल तक पहुंच गई है। वहीं दूसरी मशीन भी जर्मनी से भारत भेजी गई है। जो जल्द ही परियोजना स्थल पर पहुॅच जायेगी। अब इस दानव रूपी मशीन से परियोजना के अंतर्गत सबसे लंबी सुरंग निर्माण का कार्य किया जायेगा। आपको बता दें कि यह सुरंग 14.57 किमी लंबी बनने जा रही है जो कि परियोजना के अंतर्गत बनने वाली 17 Tunnel सुरंगों में सबसे लंबी है।

TBM Shakti In Devprayag

16 सुरंग एनएटीएम और एक सुरंग टीबीएम तकनीक से बनेगी
ऋषिकेेश कर्णप्रयाग ब्राडगेज रेल परियोजना निर्माण में 17 सुरंगों में पैकेज1 – ढालवाला से शिवपुरी, पैकेज 2- शिवपुरी से ब्यासी, पैकेज 3- ब्यासी से देवप्रयाग, पैकेज 5- जनासू से श्रीनगर, पैकेज 6- श्रीनगर से धारी देवी, पैकेज 7 ए- धारी देवी से तिलनी, पैकेज 7 बी- तिलनी से घोलतीर, पैकेज 8- घोलतीर से गौचर, पैकेज 9-गौचर से सिवाई (कर्णप्रयाग) तक एनएटीएम(न्यू आस्ट्रियन टनलिंग मैथड) तकनीकी से बन रही है।
जबकि पैकेज संख्या पैकेज 4- सौड़ (देवप्रयाग) से जनासू तक टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) से निर्माण होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page