कांग्रेस के शासनकाल में स्वीकृत हुआ था पॉलिटेक्निक कॉलेज
सात साल बाद भी नहीं बना पॉलिटेक्निक कॉलेज, ग्रामीणों में रोष
कीर्तिनगर। कीर्तिनगर ब्लाक के जोगणीसैण में स्वीकृत पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवन का निर्माण कार्य छ साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। जिसे लेकर स्थानीय लोगों व जनप्रतिनिधियों में रोष व्याप्त है। यहॉ पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण कार्य आधा-अधूरा पडा हुआ है। इस सबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन प्रेषित किया। विदित हो कि 14 दिसंबर 2016 को कांग्रेस शासनकाल में यहा पॉलिटेक्निक का शिलान्यास कर निर्माण कार्य शुरू करवाया गया था। जिसके लिये ग्रामीणों ने 110 नाली भूमि भवन बनाने के लिए सरकार को दान की थी। लेकिन भवन का बनना तो दूर, यहॉ भूमि का समतलीकरण एवं सुरक्षा दीवार के मरम्मत का कार्य आधा-अधूरा छोड़ कर निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। ग्रामीणों के अनुरोध पर देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी ने लंबित पॉलिटेक्निक के लिए नाबार्ड द्वारा अवमुक्त धनराशि तीन करोड़ 25 लाख की वित्तीय स्वीकृति स्वीकृत कराई।
जिसके कुछ समय बाद पुनः कार्य शुरू किया गया। लेकिन कुछ समय बाद फिर निर्माण कार्य ठंडे बस्ते में चला गया और पूर्व की भांति भवन का बनना तो दूर, यहॉ भूमि का समतलीकरण एवं सुरक्षा दीवार के मरम्मत का कार्य आधा-अधूरा छोड़ कर निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि इस सम्बन्ध में विभागीय अधिकारीयों से जानकारी लेने जाते है तो जल्द कार्य शुरू किया जायेगा कहकर टाल दिया जाता है। क्षेत्र पंचायत सदस्य मेघा बडोनी ने बताया कि दोबारा वित्तीय स्वीकृति के बाद भी भाजपा सरकार लंबित पॉलिटेक्निक निर्माण में अपनी रूचि नहीं दिखा रही, क्योंकि कांग्रेस सरकार में इसका शिलान्यास हुआ था। जिससे कही न कही यहाँ बनने वाला पॉलिटेक्निक भवन राजनीती की भेंट चढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
जिन लोगो ने सरकार को पॉलिटेक्निक निर्माण हेतु भूमि दान की है उनमे सरकार के प्रति रोष व्याप्त है। कहा की अगर समय पर यहॉ पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण हो जाता तो आज क्षेत्र की जनता को इसका फायदा मिलता। मेघा बडोनी ने बताया कि जोगणीसैण , देवप्रयाग, भिलंगना, कीर्तिनगर तीनों ब्लॉकों का मुख्य केंद्र बिंदु है। कमलानंद बडोनी, खेमराज लखेडा, दयाराम बडोनी ने बताया कि उन्होनें अपनी भूमी भी पॉलिटेक्निक कॉलेज के लिए दान की है। अगर पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवन का निर्माण कार्य जल्दी हो जाता तो इसका लाभ क्षेत्र के सैकड़ों युवाओं को मिल पाता। अगर सरकार जल्द इसका निर्माण नहीं करती तो हम सरकार से अपनी भूमि वापस लेकर उसे किसी और कार्य के लिए उपयोग करेंगे।