श्रीनगर। हिंदी दिवस के अवसर पर श्रीनगर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजित कार्यक्रम में ‘‘समता मूलक समाज के निर्माण में हिंदी साहित्य की भूमिका‘‘ विषय पर परिचर्चा की गई। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन सभागार में आयोजित परिचर्चा में गढ़वाल विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ कपिल पंवार बतौर मुख्य वक्ता मौजूद रहे। डॉ कपिल पंवार ने हिन्दी दिवस के अवसर पर समाज के निर्माण में हिंदी साहित्य की भूमिका पर चर्चा की।
साथ ही कार्यक्रम में मौजूद लोगों को हिंदी साहित्य व बदलते दौर में हिंदी साहित्य में हो रहे बदलावों पर भी प्रकाश डाला। कहा कि बदलते वक्त के साथ हिन्दी साहित्य में भी बदलाव देखे जा रहे हैं, लेकिन यह बाजार की मांग है। हिंदी के वास्तविक साहित्य की कोई जगह नहीं ले सकता है। कहा कि बाजारवाद कभी भी हिंदी के वास्तविक साहित्य पर प्रभाव नहीं डाल सकता है।
इस दौरान उन्होंने हिन्दी साहित्य के प्रमुख साहित्यकारों के जीवन परिचय से कार्यक्रम में मौजूद श्रोताओं को अवगत कराया।इस मौके पर पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष अंकित उछोली, शोध छात्रा शिवानी पाण्डेय, सुरज साहनी, रॉबिन सिंह, नरेंद्र रावत, आदि मौजूद रहे।