पौड़ी जिले के एक सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्य द्वारा अपनी जगह एक युवती को पढ़ाने के लिये रखे जाने के खुलासे के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है। पूरे मामले पर अब मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी आनंद भारद्वाज ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय बग्वाडी की प्रधानाध्यापिका शीतल रावत के स्कूल से नदारद रहने और अपने स्थान पर एक युवती को पठन पाठन का जिम्मा सौपने के मामले पर कार्यवाही करते हुए प्रधानाध्यापिका के वेतन पर रोक लगाकर स्पष्टीकरण तलब किया है।
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उनके द्वारा थलीसैंण ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बग्वाडी का निरीक्षण किया गया तो प्रधानाध्यापिका स्कूल से गायब थी वही प्रधान अध्यापिका के बजाय स्कूल के छात्र छात्राओं का पठन-पाठन गांव की ही एक युवती मधु रावत द्वारा करवाया जा रहा था ऐसे में मुख्य शिक्षा अधिकारी को युवती ने बताया कि प्रधानाध्यापिका द्वारा उन्हें छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन के लिए ढाई हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाते हैं जबकि प्रधानाध्यापिका स्कूल से नदारद रहती है
ऐसे में मुख्य शिक्षा अधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अब प्रधानाध्यापिका के वेतन पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि प्रधानाध्यापिका के गैर जिम्मेदार होने से छात्र-छात्राओं का भविष्य खराब हो रहा है ऐसे में पूरे मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी थलीसैंण को सौंपी गई है उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापिका के उचित स्पष्टीकरण ना मिलने तक प्रधान अध्यापिका के वेतन पर रोक लगा दी गई है और मामले में उचित कार्यवाही की जा रही है।