• Thu. Oct 5th, 2023

The uk pedia

We Belive in Trust 🙏

एनआईटी उत्तराखण्ड़ ने बनाया इंटीग्रेटेड कनवर्टर मिला पेंटेंट, पहाड़ी क्षेत्रों में प्रदूषण मुक्त यातायात के लिए होगा फायदेमंद।

Jan 6, 2023
Spread the love

पौड़ी गढ़वाल : एनआईटी उत्तराखंड NIT Uttarakhand को ऊर्जा कुशल ई-रिक्शा हेतु तकनीकी का आविष्कार करने के लिए पेटेंट दिया गया है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड National Insitute of Technology Uttarakhand के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग Electrical Engineering के असिस्टेंट प्रोफेसर डा0 प्रकाश द्विवेदी, डा0 सौरव बोस एवं उनके  दो शोध छात्रों के द्वारा पर्वतीय क्षेत्र के लिए ऊर्जा कुशल ई-रिक्शा के लिए एक एकीकृत कनवर्टर का आविष्कार किया गया है। जिसें पेटेंट भी मिल चुका है। यह पेटेंट केंद्र सरकार के पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट अधिनियम, 1970 के प्रावधानों के अनुसार दिया है और इसकी वैधता 20 वर्षाे के लिए होगी।

आपको बता दें कि पर्वतीय क्षेत्रों में इलेक्टीकल ई रिक्शा E-Riksha का चलना मुश्किल है। ऐसे में एनआईटी के छात्रों ने ऐसा कनर्वटर बनाया है जो ई रिक्शा की पावर को अधिक बढ़ा देता है और पर्वतीय क्षेत्रों की चढ़ाई वाली सड़कों पर भी ये आसानी से चल सकता है। एनआईटी उत्तराखण्ड के डायरेक्टर प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने बताया कि भारतीय पेटेंट कार्यालय द्वारा किसी  शोध को मान्यता देना एक बड़ी उपलब्धि है।

इस पेटेंट की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और व्यावसायीकरण की प्रक्रिया अभी चल रही है। वहीं कनर्वटर बनाने वाले प्रोफेसर का कहना है कि इस टेक्नोलॉजी  में इंटीग्रेटेड कनवर्टर की शुरुवाती कीमत 6000 रू0 है परन्तु जब इसका भारी मात्रा में प्रोडक्शन किया जायेगा तो यह 3000 रु0 में भी उपलब्ध हो सकता है। इस टेक्नोलॉजी का आविष्कार पहाड़ी क्षेत्र के विकास के लिए किया गया है। यह आविष्कार पहाडी क्षेत्रो में लोकल यातायात के लिए प्रदूषण रहित परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने एवं नये रोजगार सृजित करने में लाभदायक होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page