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पहाड़ की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही खुशियों की सवारी सेवा, 1 साल में साढ़े तीन हजार से अधिक महिलाएं उठा चुकी लाभ

Feb 3, 2023
पहाड़ की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही खुशियों की सवारी सेवा
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खुशियों की सवारी’ बनी महिलाओं की पसंद
घर तक जाने की मिल रही नि:शुल्क वाहन सेवा
एक साल के भीतर साढ़े तीन हजार से अधिक महिलाएं उठा चुकी लाभ
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की पहल पर शुरु हुई खुशियो की सवारी
पहाड़ की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही खुशियों की सवारी सेवा
श्रीनगर। प्रदेश सरकार की खुशियों की सवारी योजना पर्वतीय क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेंमद साबित हो रही है। प्रसव के बाद जज्जा-बच्चा को नि:शुल्क वाहन सेवा से घर तक पहुंचाने में महिलाओं की मददगार बन रही है। विगत एक साल एक माह के भीतर बेस चिकित्सालय श्रीनगर एवं उप जिला चिकित्सालय श्रीनगर साढ़े तीन हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को ’खुशियों की सवारी’ से सुरक्षित उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया है। जो दूर-दूराज की महिलाओं को काफी राहत दे रही है।
खुशियों की सवारी वाहन सेवा आज पहाड़ की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की पहल पर शुरु हुई इस योजना से आज गढ़वाल क्षेत्र के चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी जिलों की महिलाओं को लाभ मिल रहा है। प्रसव के बाद जज्जा-बच्चा को घर तक छोड़ने के लिए बेस चिकित्सालय एवं उप जिला चिकित्सालय श्रीनगर में खुशियों की सवारी वाहन सेवा तैनात है। बेस चिकित्सालय में गढ़वाल भर से प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को सुरक्षित प्रसव कराने के बाद घर तक छोड़ने के लिए उक्त सेवा लाभ दे रही है। एक माह में 200-350 के लगभग महिलाओं को प्रसव के बाद घर छोड़ा जाता है। पहले गढ़वाल क्षेत्र के दूर-दराज से आने वाली महिलाओं को प्रसव के बाद गांव तक पहुंचने के लिए वाहनों की दिक्कतें होती थी, किंतु खुशियों की सवारी सेवा से आज महिलाओं की आने-जाने की दिक्कत भी दूर हुई है। महिलाएं भी सरकार द्वारा चलाई गई उक्त योजना से खुश है। प्रसव के बाद घर के लिए बेस अस्पताल से नि:शुल्क वाहन सेवा मिलने पर सुमाड़ी की गीता देवी, चौरास की सीमा और रुद्रप्रयाग मयाली की बबीता देवी ने कहा कि सरकार द्वारा यह योजना चलाकर महिलाओं को राहत दी है। वाहन न मिलने के चक्कर में पहले महिलाओं को वाहनों का इंतजार करना पड़ता था, किंतु अब अस्पतालों से ही वाहन मिलने से महिलाओं को प्रसव के बाद सुविधा मिल रही है। जिसके लिए उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत का आभार प्रकट किया है।
”गढ़वाल की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए खुशियों की सवारी योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल व अस्पताल से जच्चा-बच्चा को घर तक पहुंचाने के लिए निशुल्क सुविधा दी है। सरकार ने महिलाओं को चिकित्सा के क्षेत्र में जो सम्मान दिया है उससे आज प्रदेश की महिलाएं अस्पतालों से उक्त सेवा पाकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही है। उक्त सेवा से आज संस्थागत प्रसवों में वृद्धि होने से सुरक्षित प्रसव हो रहे हैं। :- डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री उत्तराखंड सरकार। ”
102 पर फोन करने से बुक करा सकते है नि:शुल्क वाहन सेवा-
खुशियों की सवारी वाहन सेवा बुक कराने के लिए गर्भवती महिला व उसके परिजन 102 नंबर पर फोन कर वाहन सेवा बुक करा सकते है। वाहन सेवा हेतु पंजीकरण होने के बाद वाहन चालक संबंधी महिला से संपर्क कर उन्हें वाहन सेवा उपलब्ध कराते है। बेस चिकित्सालय से महादेव प्रसाद धस्माना, सुभाष, दिनेश चौधरी, संतोष, दिनेश कुमार , साहिल पायलटों द्वारा खुशियों की सवारी वाहन सेवा चलाई जाती है। बेस चिकित्सालय और उप जिला चिकित्सालय में खुशियों की सवारी की समन्वयक रेखा तिवारी ने बताया कि खुशियों की सवारी वाहन सेवा प्रसव के बाद जज्जा-बच्चा को घर तक छोड़ने तथा गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड कराने तथा 1 साल तक बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में लाने के लिए नि:शुल्क सेवा है।

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