श्रीनगर। चारधामों की रक्षक सिद्ध पीठ धारी देवी मंदिर में चढावें की घंटियों की नीलामी को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहाॅ माॅ धारी देवी की मूर्ति को नदी से निकालने वाले कुंजु धुनार के वंसजों ने इसके खिलाफ याचिका दायर की है तो वहीं भैरव सेना ने भी धारी देवी मंदिर पहुॅचकर अपना आक्रोश व्यक्त किया।
धारी गांव के निवासियों के बाद अब भैरव सैना ने धारी देवी मंदिर पहुंच अपना विरोध दर्ज किया। मंगलवार को धारी देवी मंदिर पहुुचे भैरव सैना से जुड़े हुए लोगों ने कहा कि मंदिर समिति लोगों के आस्था के साथ खिलवाड कर रही है। भैरव सेना के केन्द्रीय अध्यक्ष ंसंदीप खत्री ने कहा कि लोगों ने सच्ची आस्था के साथ धारी देवी मंदिर में घंटियां अर्पित की है। लेकिन अब समिति इन घंटियों के संरक्षण करने के बजाय इन घंटियों को नीलाम कर रही है। जो कि लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ है।
भैरव सेना के राज्य अध्यक्ष सागर कुमार जैस्वाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जायेगा तो भैरव सेना आंदोलन करने को बाध्य होगी।
महामंडलेक्ष्वर गुरू ओगेन्द्र नाथ का कहना है कि अपनी मनोती पूर्ण होने के बाद श्रद्वालु प्रेम आस्था से मंदिर में घंटी चढ़ाते हैं, लेकिन मंदिर समिति द्वारा इन्हें निलाम करना गलत है। इससे बेहतर मंदिर के गेट से राजमार्ग तक के रास्ते में इन घंटियों को लगा दिया जाये। जिससे मंदिर परिसर की सुंदरता बढ़ने के साथ लोगों को पता चले कि माॅ धारी में लोगों की कितनी आस्था है।

आपको बता दें कि धारी देवी मंदिर में करीब साठ क्विंटल घंटिया हैं। जिनको नीलाम करने के लिए मंदिर समिति ने समाचार पत्र में विज्ञप्ति प्रकाशित की थी। जिसके बाद से ही विवाद शुरू हो गया था। सबसे पहले धारी गांव के कुंजू धुनार के वंशजों ने धारी देवी में अर्पित हुई घंटियांे के नीलामी का विरोध दर्ज किया था। इसके बाद से एसडीएम श्रीनगर ने घंटियों की नीलामी पर रोक लगाई थी वहीं अब मंगलवार को भैरव सेना से जुडे हुए कार्यकर्ता धारी देवी मंदिर पहंुचे। मंदिर में प्रदर्शन की सूचना की खबर से पूर्व वहां पुलिस व प्रशासन पहले से मौजूद थी। जिसके बाद भैरव सेना से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के सामने अपना विरोध व्यक्त करते हुए ज्ञापन दिया।
प्रदर्शन करने वालों, सागर कुमार, संजय सिंह पंवार, सतपाल नाथ, वीरेन्द्र नाथ, विशाल नाथ, दिनेश धीमन, मीडिया प्रभारी करन शर्मा, जिला अध्यक्ष रूद्रप्रयाग प्रदीप आदि मौजूद थे।