जोशीमठ भूुधँसाव से जहां सैकड़ों लोग बेघर हुए हैं वहीं प्रशासन के सामने भी आपदा प्रभावितों का विस्थापन और पुनर्वास करना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। सरकार की ओर से कई एजेंसियां जोशीमठ के भूःधँसाव के कारणों और जोशीमठ के भविष्य को लेकर शोध करने में जुटी हुई है। लेकिन इस बीच अब एक और बड़ी समस्या शासन और प्रशासन के सामने खड़ी हो गई है।
दरअसल कुछ ही महीनों बाद चारधाम यात्रा Chaar Dham Yatra 2023 शुरू हो जाएगी। बद्रीनाथ यात्रा के मुख्य केंद्र जोशीमठ के आसपास बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग Badrinath National Highway पर लगातार दरारें बढ़ने का सिलसिला जारी है। सरकार व प्रशासन भले ही यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी बता रहा हो। लेकिन जोशीमठ में जमीनी हकीकत कुछ ओर है।
जोशीमठ मारवाड़ी के बीच जगह-जगह पर बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दरारें देखी गई है जिससे चार धाम यात्रा को लेकर भी लोग आशंकित हैं स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन और प्रशासन केवल हवा हवाई बातें कर रहा हैं। और स्थिति सामान्य बता रहा हैं जो कि सरासर गलत है जोशीमठ अंदर ही अंदर खोखला होता जा रहा है जगह-जगह पर कई फीट गड्ढे कई दरारें देखने को मिल रही हैं
बद्रीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी का कहना है कि सरकार को जोशीमठ को लेकर गंभीर होना चाहिए और शीघ्र अति शीघ्र विस्थापन और पुनर्वास की नीति स्पष्ट करनी चाहिए जोशीमठ के भविष्य को लेकर भी शोध रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए ताकि लोग अपने भविष्य को लेकर योजना बना पाए ।

वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कर्नल अजय कोठियाल का कहना है कि जोशीमठ को लेकर सरकार अति संवेदनशील है और आधे दर्जन से अधिक एजेंशिया जोशीमठ में हो रहे भुधँसाव को लेकर शोध कर रही हैं वहां की ड्रेनेज व्यवस्था वहां पर हो रहे अनियमित निर्माण कार्यों के साथ-साथ अन्य कारणों पर लगातार जांच जारी है उन्होंने कहा कि जोशीमठ आध्यात्मिक धार्मिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण नगर है और वही सामरिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण नगर होने के चलते सरकार शीघ्र अति शीघ्र इस पर बड़ा निर्णय करेगी।