श्रीनगर गढ़वाल। इंटमीडियट के बाद बीएड करने की चाह रखने वालें छात्रों के लिए खुशखबरी है। अब पहाड़ के युवाओं को 12 वीं पास करने के बाद बीएड करने के लिए महानगरों की ओर रूख नई करना पड़ेगा। दरअसल हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंन्द्रीय विश्वविद्यालय आगामी 2023-24 शैक्षणिक सत्र से बी0एड0 चार वर्षीय पाठ्यक्रम (B.Ed Integrated Course) शुरू करने जा रहा है।
सीयूईटी के माध्यम से होंगे प्रवेश।
नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत गढ़वाल विश्वविद्यालय (HNB Garhwal University) में यह कोर्स संचालित किया जायेगा। जिसमें प्रवेश के लिए सीयूईटी द्वारा आयोजित प्रवेश प्रक्रिया उत्तीर्ण करनी पड़ेगी। जिसके बाद ही छात्र इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में प्रवेश ले सकता है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 एनएस पंवार ने बताया कि इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स के लिए 150 सीटें विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित की गई हैं। जिनपर प्रवेश प्रक्रिया की जायेगी।
30 मार्च है आवेदन की अंतिम तिथि।
जोे भी इच्छुक छात्र बीएड करने की सोच रहे हैं, उनके लिए यह सुनहरा अवसर है। छात्र सीयूईटी के समर्थ पोर्टल से 30 मार्च तक ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए छात्रों को https://cuet.samarth.ac.in/ वेबसाइट पर पंजीकरण करने के बाद कोर्स के लिए प्रवेश परिक्षा फार्म भरना होगा। वहीं जिन छात्रों ने सीयूईटी का फार्म अन्य कोर्स के लिए भर लिया है वें भी समर्थ पोर्टल से लॉगइन करने के बाद इस बीएड कोर्स के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। बी0एड0 चार वर्षीय पाठ्यक्रम (B.Ed Integrated Course) के लिए 21 मई से 31 मई के बीच प्रवेश परिक्षा आयोजित कराई जायेगी। इस परिक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद ही छात्रों को प्रवेश दिया जायेगा।
गढ़वाल विवि के कुलसचिव प्रो0 एनएस पंवार ने बताया कि यह कोर्स गढ़वाल विवि के मुख्य परिसर में ही संचालित किया जायेगा। फिलहाल अन्य परिसरों व सबंद्व कॉलेजों में यह शुरू नहीं किया गया है।
बीएड के साथ अन्य विषयों की भी होगी पढ़ाई।
चार वर्षीय बीएड कोर्स (B.Ed Integrated Course) में छात्रों की पढ़ाई करने का प्रारूप थोड़ा बदलने वाला है। इसमे छात्र जिन्होनें कला अथवा विज्ञान विषय से बारहवीं उत्तीर्ण की है वें अपने पाठ्यक्रम के अनुसार कला या विज्ञान विशयों की पढ़ाई भी बीएड के साथ करेंगे। जिससे कि छात्रों की पकड़ उनके रूची के विशय पर भी बनी रहे। वहीं यह ड्रीग्री कोर्स होगा। जिससे कि छात्र को ग्रेजुएशन के बाद 2 साल का बीएड करने से राहत मिलेगी।