श्रीनगर। पहाड़ की शांत फिजाओं में स्मैक का नशा बड़ी ही तेजी के साथ घुल रहा है। यहॉ के अधिकतर युवा नशे की चपेट में है। शराब, चरस से बढ़कर अब युवा स्मैक/ हेरोइन/अफीम का नशा भी ले रहे हैं। महानगरों के बाद अब पहाड़ के एजुकेशन हब माने जाने वाले श्रीनगर गढ़वाल में भी स्मैक का उपभोग बढ़ा है। यहॉ युवा ही नहीं बल्कि नौकरी करने वाले, शादी शुदा पुरूष भी स्मैक की चपेट में है। ताजा शोध के अनुसार श्रीनगर गढ़वाल में नशे का आदी एक युवा हर दिन औसतन 2000 रूपये नशे पर खर्च करता है। यह ताजा रिसर्च श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग द्वारा नशे के आदी हुए युवाओं पर किये गये सर्वे के आधार पर प्रकाश में आया है। मनोरोग विभाग का यह रिसर्च अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त जर्नल्स न्यूरो क्वांटोलोजी (Neuroquantology) में भी प्रकाशित हो चुका है।
सर्वे के आधार पर मनोरोग विभाग ने नशे की गिरफ्त में आये 40 लोगों की कॉउंसलिंग एवं दवाईयां शुरु कर इलाज शुरु किया तो मनोचिकित्सकों को 40 में से 30 लोगों को नशे से छुटकारा दिलाने और पूरी तरह से स्वस्थ्य करने में सफलता भी मिली है।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल बेस चिकित्सालय में नशे के आदी हो चुके युवा एवं पुरुष वर्ग का इलाज मनोरोग विभाग के मनोचिकित्सक डॉ मोहित सैनी Dr Mohit Saini द्वारा किया जा रहा है।
मनोचिकित्सक डॉ मोहित सैनी ने बताया कि श्रीनगर समेत आस-पास के क्षेत्रों के 40 नशे के आदी हो चुके युवाओं पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ0 सीएमएस रावत के सुपरविजन में रिसर्च किया तो कई चौकाने वाले तत्थ सामने आये।

डॉ मोहित सैनी ने बताया कि स्मैक का नशा शहरों में ही नहीं बल्कि शहर से लगे आस पास के गांवों में भी पहुंचा है। जिसकी चपेट में 33 युवा एवं 7 शादी शुदा मध्यम वर्गीय पुरूष पाए गए। इनमें ग्रामीण परिवेश के 13 आदमी थे। स्मैक का नशा करने वालों में 5 छात्र 10वीं, 13 छात्र इंटर, 17 ग्रेजुएशन तथा 5 पोस्ट ग्रेजुएट थे।
नशा करने वाले होस्टल अथवा घर से बाहर रूम लेकर रहने वाले ही नही बल्कि संयुक्त परिवार में रहने वाले युवा भी हैंे।
इससे यह साबित होता है कि स्मैक जैसा नशा घरों तक पहुॅच चुका है। मनोचिकित्सकों ने शोध में पाया कि 11 बच्चे ऐसे थे, जिन्होंने 10-19 साल की उम्र में उक्त नशा शुरु कर दिया था। जबकि 20-29 साल के बीच 28 युवाओं ने नशा शुरु किया। और 34 साल की उम्र में भी नशे की शुरुआत करने वाला एक व्यक्ति पाया गया।
30 लोगों से स्मैक की छुडाई लत
स्मैक नशे की लत (डिपेंडेंसी) जब पड़ जाती है तो इससे ग्रसित एक युवा एक दिन में औसत दो हजार रूपये तक नशे में खर्च करता था। बेस चिकित्सालय के मनोरोग विभाग द्वारा 40 लोगों पर किये गये रिसर्च में खुलासे होने के साथ ही मनोरोग रोग विभाग के चिकित्सकों को 30 लोगों को स्मैक की लत छुड़ाने तथा स्वस्थ्य करने में सफलता भी हासिल हुई है। उक्त रिसर्च मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मोहित सैनी, डॉ पार्थ दत्ता एवम सीनियर रेसिडेंट डॉ गार्गी शर्मा द्वारा किया गया।