देहरादून। ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी देहरादून में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेस आन माउंटेन इकोसिस्टम बायोडाइवर्सिटी एडं अडैप्टेशनल अण्डर क्लाइमेट चेंज सिनैरियों में गढ़वाल विवि के जैव प्रौद्यगिकी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. ममता आर्य के शोध पत्र को प्रथम पुरस्कार मिला है। कार्यक्रम में ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी देहरादून के कुलपति प्रो. नरपिंदर सिंह, प्रोग्राम को-ओर्डिनेटर सांइटिस्ट डा. अनीता पाण्डेय, नेपाल के डा. एकलव्य शर्मा ने डा. आर्य को पुरस्कृत किया।
अंतराष्ट्रीय कांफ्रेस में देश विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के सौ से अधिक आवेदकों ने प्रतिभाग किया। ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में 22 से 24 मार्च तक इंटरनेशनल कांफ्रेस में गढ़वाल विवि में डा. ममता आर्य ने बायोसार्पशन ऑफ मैग्नीज बाय थर्मोफिलिक बैक्टीरिया पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। उन्होने जल प्रदूषण के एक मुख्य कारक हैवी मेटल, मैग्नीज के अवशोषण में गर्म पानी के स्रोतों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की उपयोगिता विषय अपनी प्रस्तुतीकरण दी। शोध पत्र को प्रस्तुत करती हुई डा. आर्य ने बताया कि किस तरह बढ़ते औद्योगिकीकरण के कारण नदीयों में हैवी मेटलस की मात्रा दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। जो कि जलीय जीव जंन्तुओं व मानव के लिए हानिकारक साबित हो रही है। डा. आर्य की इस उपलब्धि पर गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल, जैव प्रोद्योगिकी के विभागाध्यक्ष प्रो. जीके जोशी सहित आदि ने शुभकामनाएं देते हुए खुशी जाहिर की है।