पौड़ी गढ़वाल : पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर मैदानी इलाकों तक लगातार गुलदार व इसंानों के बीच संघर्ष बढ़ रहा है। ऐसे में अब उत्तराखण्ड़ वन विभाग एनआईटी उत्तराखण्ड़ की मदद ले रहा है। दरअसल वन विभाग द्वारा एनआईटी उत्तराखण्ड़ को पोर्टेबल, मजबूत, हल्के वजन वाले ट्रैप केज यानी की पिंजरे का डिजाइन और पशु सहित जाल-पिंजरे को संभालने के लिए वाहन की स्वचालित प्रणाली का डिज़ाइन तैयार करने की जिम्मेदारी दी है।
इस प्रोजेक्ट पर कार्य करते हुए अब एनआईटी गुलदार पकड़ने के पिंजरों के वजन में बदलाव करके इन्हें 120 किलो से घटा कर 80 किलो तक बना रही है। साथ ही अब इन इलेक्ट्रॉनिक पिंजरों को विभाग के लोग ऑटोमेटिक मोड में भी ऑपरेट कर पायेंगे। इससे पकड़े गए गुलदार को पिंजरे सहित आसानी से वाहन तक ले जाया जा सकेगा। एनआईटी उत्तराखण्ड़ का इंजिनिएरिंग विभाग इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में जुट गया है। जल्द ही वन विभाग को यह इलेक्ट्रॉनिक पिंजरा सौंप दिया जायेगा।