उत्तरकाशी। बैसाखी के मौके पर उत्तरकाशी के सिल्याण गांव में हरिमहाराज मेले का आयोजन किया गया। आयोजित मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। जिसमें ग्रामीणों द्वारा जमकर प्रतिभाग किया गया। यहॉ हंस कल्चरल सेंटर के द्वारा सेवा भी सम्मान भी कार्यक्रम के तहत लोक नृत्य का आयोजन भी किया गया। जिसमें गढ़वाल की परंपरागत वेशभूषा और आभूषण पहनकर महिलाओं ने रासो, तांदी नृत्य की प्रस्तुति दी। हंस कल्चरल सेंटर के द्वारा आयोजित महिला रासो नृत्य प्रतियोगिता में 50 से अधिक प्रतिभागी महिलाओं को हंस फाउंडेशन द्वारा द्वारा शॉल,छाते देकर सम्मानित किया गया।

स्थानीय निवासी व गढ़वाल विवि के हिंदी विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर तैनात डॉ कपिल पंवार ने बताया कि उत्तरकाशी की गंगा घाटी में वैशाखी के दिन से शुरू होने वाले मेलों का संरक्षण एवं संवर्धन करने वाली महिलाओं को हंस कल्चरल सेंटर के द्वारा सम्मानित किया गया।
कहा कि यहॉ आयोजित होने वाले मेले में हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं। जिनका संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होनें बताया कि वर्तमान में कई ग्रामीण पारंपरिक लोक गीतों, लोक नृत्यों व परंपराओं से कोसों दूर चले गये हैं। ऐसे में इस तरह के आयोजनों से विलुप्त होती गढ़वाल की संस्कृति को संजीवनी मिलेगी। कहा कि इसमें हंस कल्चरल सेंटर नई दिल्ली अपनी विशेष भूमिका निभा रहा है ।