श्रीनगर। गृहस्थ जीवन त्याग कर 24 अप्रैल को श्रीनगर गढ़वाल में 15 बहनें बह्रमचार्य को अपनायेंगी। ये सभी 24 अप्रैल को भगवान शिव से शदी कर हमेशा के लिए गृहस्थ, पारिवारिक जीवन से मुक्त हो जायेंगी।
दरअसल प्रजापिता बह्माकुमारी ईश्वरीय विवि श्रीनगर में 23 व 24 अप्रैल को श्रीनगर में अलौकिक समारोह का आयोजन होगा। जिसमें इंजीनियरिंग, एमबीबीए, एमएससी कर चुकी 15 बहनें ब्रह्मचर्य का संकल्प लेते हुए प्रजापिता बह्माकुमारी ईश्वरी विवि से जुड़कर अपना जीवन समाज सेवा के लिए अर्पित करेगी। विवि की अर्न्तराष्ट्रीय वक्ता बीके ऊषा बहन के हाथों कन्याओं का उनके अभिभावक हाथ सौंपेगे और सज-धजकर परमात्मा शिव के लिए समर्पित हो जायेगी। उक्त कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदेश उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा किया जायेगा। यह पहला अवसर होगा, जबकि ईश्वरीय बह्माकुमारी ईश्वरी विवि के गढ़वाल क्षेत्र में पहले राजयोग भवन का उद्घाटन प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा किया जायेगा।
प्रजापिता बह्माकुमारी ईश्वरीय विवि के गढ़वाल क्षेत्र के निदेशक बीके मेहर चंद ने बताया कि पहली बार श्रीनगर शहर में प्रजापिता बह्माकुमारी ईश्वरीय विवि का भव्य समारोह देखने को मिलेगा। जिसमें 23 अप्रैल की सुबह श्रीनगर में 10 वाहनों के साथ भव्य झांकी शहर के विभिन्न मार्गाे से होते हुए निकलेगी। जिसके बाद श्रीनगर में दादी मनोहर इन्द्रा राजयोग भवन का उद्घाटन होगा। जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत, विवि की अर्न्तराष्ट्रीय वक्ता बीके ऊषा बहन सहित श्रीनगर में विभिन्न संस्थाओं के अध्यक्षों की उपस्थिति में किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि उक्त कार्यक्रम में माउंटआबू राजस्थान के साथ ही हरिणाणा, पंजाब औ श्रीनगर और गढ़वाल क्षेत्र से कई लोग जुटेगे। जिसमें गढ़वाल क्षेत्र के सभी विस के विधायकों को भी निमंत्रण दिया गया है। जबकि विवि के कार्यकारी सचिव डॉ. मृत्युंजय भी मौजूद रहेगे। बीके मेहर चंद ने श्रीनगर की जनता से अधिक से अधिक संख्या में श्रीनगर में बंधन वैडिंग प्वाइंट में पहुंचने का आह्वान किया है। कहा कि विवि से पूरे देश में 45 हजार बहनें समर्पित है। 140 देशों में ईश्वरीय विवि के सेंटर स्थापित है।
इस मौके पर बीके नीलम बहन ने कहा कि पूरे देश के बाद श्रीनगर गढ़वाल में पहली बार 15 बहनों के बह्माकुमारी समाज सेवा में जुड़ने का कार्यक्रम आयोजित होगा। कहा कि यह वह बहनें है, जिन्होंने अध्यात्म के प्रति लगन के चलते अब अपना जीवन समाज सेवा में लगाने का निर्णय लिया है। सभी बहनों के माता-पिता की सहमति से ही समर्पण का कार्यक्रम किया जा रहा है। जिसमें राजयोग के जरिए आध्यात्म से जोड़ने के लिए काम किया जायेगा। इस मौके पर बीके प्रीती बहन, ऊषा बहन, अंकित भाई, मनमोहन आदि मौजूद थे।