कीर्तिनगर। घंटाकर्ण मन्दिर समिति के ओर से घण्डियाल देवता की देवारा यात्रा केदारनाथ के लिए रवाना हुई। सोमवार को यात्रा का विधिवत शुभारंभ देवथान देवगढ़ी से हुआ। इस दौरान पुजारियों ने घण्डियाल देवता की विधिवत पूजा अर्चना के बाद निशाण यात्रा के लिए निकाले। मंदिर के महासचिव रामेश्वर बर्तवाल ने बताया कि देव यात्रा पैदल मार्ग से धुरेट, तल्ली रिगोली, फेतकंडा होते हुए मल्ली रिगोली रात्रि विश्राम हेतु पहुंचेगी। 25 अप्रैल को प्रातः देव पूजन के बाद यात्रा तेगड, सौराखाल होते हुए सूर्यप्रयाग तिलवाडा के लिए निकलेगी, तिलवाडा में स्नान के बाद यात्रा कुमडी, डंगवाल गांव होते हुए बेडु बगड में केदारनाथ राष्ट्रीय मार्ग से गुप्तकाशी के लिए प्रस्थान करेंगी। उसके बाद गुप्तकाशी में भगवान विश्वनाथ की पूजा अर्चना के बाद यात्रा अगले रात्रि पड़ाव गौरीकुंड के लिए प्रस्थान करेगी।
26 अप्रैल को प्रातः स्नान पूजन के बाद देव यात्रा पैदल मार्ग से रात्रि पड़ाव केदार बेस कैम्प के लिए प्रस्थान करेगी। जिसमें बाद 27 अप्रैल को प्रातः 5 बजे बेस कैंप से केदारधाम दर्शन के लिए प्रस्थान करेंगी। भगवान केदार के दर्शनों के उपरांत यात्रा वापिस गौरीकुंड के लिए प्रस्थान करेगी और मोटर मार्ग से त्रिजुगी नारायण रात्रि विश्राम हेतु रवाना होगी। 28 अप्रैल को भगवान त्रिजुगी नारायण की पूजा अर्चना के बाद यात्रा अगले पड़ाव चिरबिटिया को प्रस्थान करेगी, चिरबिटिया पहुंचेगी और 29 अप्रैल को यात्रा पैदल मार्ग से जिबालाखाल, ताल होते हुए घण्डियाल धार रात्रि पड़ाव के लिए पहुंचेगी। 30 अप्रैल को घण्डियाल धार से यात्रा देवथान देवगढी पहुंचेगी और इस तरह से यात्रा का समापन होगा। यात्रा में समिति के महासचिव उम्मेद मेहरा, वाहन प्रभारी धर्म सिंह बर्तवाल बिजेंद्र सिंह आदि श्रद्धालु मौजूद है।