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उत्तराखंड में वेडिंग तथा फिल्म डेस्टिनेशन को विकसित करने की आवश्यकता..प्रो. सती

May 5, 2023
Questioning of the student of Proctor Board during PhD examination became a matter of curiosity
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श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के राजनीति विज्ञान विभाग उत्तराखंड्स विजन टु बी द अल्टिमेट टूरिस्ट डेस्टिनेशन : स्कोप एंड चैलेंजेज विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य वक्ता अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. एमसी सती ने उत्तराखंड में संभावित पर्यटन की ओर सबका ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि तीर्थाटन तथा उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा देकर उसे प्रमुख पर्यटन में शामिल करना चाहिए तथा पांडव नृत्य, नंदा राजजात, रम्माण जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रदेश के अन्य स्थानों में आयोजित कर स्थानीय रोजगार के नए अवसर तलाशे जाने की आवश्यकता है। प्रो. सती ने कहा कि उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन एवं फिल्म उद्योग के तौर पर विकसित करना होगा। जिसके लिए त्रिजुगीनारायण, औली जैसे स्थानों के साथ अन्य वेडिंग डेस्टिनेशन तथा फिल्म डेस्टिनेशन भी विकसित करने की आवश्यकता है। आम जनता को खासकर युवा वर्ग को सरकार द्वारा बने नियमों में वांछनीय छूट दी जानी चाहिए। जिससे वे आसानी से रोजगार प्राप्त कर सके।
कार्यकम की अध्यक्षता करते हुए राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एमएम सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड का पर्यटन राज्य की आर्थिकी की रीढ़ है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन से होने वाली मौसमीय घटनाएं तथा विभिन्न आपदाएं, पर्यटन के लिए प्रमुख चुनौती के रूप में हमारे समक्ष हैं। जिससे निपटने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर विशेष योजनाएं चलायी जाती रही हैं। इसके लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। यहां का पर्यटन व तीर्थाटन कुछ महीनों के लिए ही पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। जिसे पूरे साल भर चलाए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए टिहरी झील पर्यटन विकास, ट्रैकिंग तथा सन टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। जटिल परिस्थितियों के कारण यहां साहसिक पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं। इन सभी के ऊपर सरकार को ध्यान आकर्षित करना होगा। इस मौके पर शोध छात्र देवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भारत में पर्यटन 2017 से 2027 तक 7 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। वहीं उत्तराखंड में प्रतिवर्ष यह दर 11.7% है। शोध छात्रा अदिति रावत ने पर्यटक स्थलों को सतत् बनाया बनाये जाने को लेकर अपनी बात रखी। कार्यक्रम का संचालन शोध छात्रा विदुषी डोभाल ने किया। इस अवसर पर डॉ. नरेश कुमार, डा. हेमलता वर्मा, शोधार्थी अरविंद रावत, अभिषेक, विवेक नैथानी,आयुषी थलवाल, शैलजा, ओमिन पंत, अमनदीप, सुमित कुमार, रोहित, मिलाप एवन दीपक कुमार सहित आदि मौजूद थे।

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