पौड़ी गढ़वाल। पौड़ी जिले के बाघ प्रभावित क्षेत्रों में अब बाघ की दहशत कम होती नजर आ रही है। यहॉ रिखणीखाल और धुमाकोट क्षेत्र के बाघ प्रभावित कुछ इलाकों से अब वन विभाग बाघ को पकडने के लिये लगाये गये पिजंडों को हटाने जा रहा है। दरअसल यहॉ वन विभाग को सिर्फ पिजंडे लगाने के लिये 1 महीने की प्रमिशन मिली थी, जिसकी समय सीमा अब 17 मई को समाप्त हो रही है। ऐसे में 17 मई को इस क्षेत्र से वन विभाग पिजंडे हटा देगा हालांकि वन विभाग की गश्त 31 मई तक जारी रहेगी। बाघ की गतिविधि पर नजर रखने के लिये 40 कैमर भी बाघ प्रभावित क्षेत्रों में लगाये गये थे लेकिन 26 अप्रैल के बाद से बाघ की सक्रियता भी कैमरों में कैद नहीं हुई है वहीं बाघ को बेहोश करने के लिये ट्रैकुलाईज टीम भी बाघ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की गई है, लेकिन ग्राम डल्ला और पापडी से अब वन विभाग के पिंजडे और ट्रैकुलाईज टीम 17 मई के बाद हट जायेंगी। जबकि भेडगांव में 1 मई से बाघ को पकडने के लिये लगाया गया पिंजडा भैडगांव में 30 मई तक लगा रहेगा वहीं इस बीच जुई मे 10 मई को एक गुलदार की सक्रीयता भी नजर आयी हालांकि अफवा ये उडी की ये बाघ की सक्रीयता है
वन विभाग ने बताया कि 10 मई को गुलदार की सक्रीयता ही उनके द्वारा लगाये गये कैमरे में कैद हुई है लेकिन क्षेत्र के कई लोग अफवा फेलाने का कार्य कर रहे हैं औैर गुलदार को बाघ बताया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि यहॉ सक्रिय बाघ अपनी ट्रैरिटरी में वापस चले गए हैं।