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शोध हब के रूप में विकसित होगा गढ़वाल विश्वविद्यालय: प्रो0 अन्नपूर्णा नौटियाल

May 18, 2023
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श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के रसायन विज्ञान विभाग एवं वनस्थली विद्यापीठ, वनस्थली, राजस्थान के संयुक्त तत्वाधान में चल रही सात दिवसीय डीएसटी स्तुति परिष्कृत अनुसंधान उपकरण कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों से पहुंचे 45 छात्र-छात्राओं ने प्रतिमाग किया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि इस तरह के कौशल विकास कार्यशाला प्रतिभागियों के अनुसंधान में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। कहा कि यह कार्यशाला विभिन्न राज्यों से आये हुए प्रतिभागी और विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं शोध छात्र-छात्राएं के मध्य समन्वय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। कहा कि भविष्य में गढ़वाल विवि शोध क्षेत्र में विभिन्न आयामों को प्राप्त कर शोध हब के रूप में विकसित होगा। प्रो. नौटियाल ने कहा कि भारत ने जनसंख्या में चीन को पीछे छोड दिया है, ऐसी स्थिति में लोगों के अंदर कौशल विकास का होना बहुत अत्यंत जरूरी है, जिससे कि वे अपने कौशल विकास कर बेरोजगारी दूर कर सकें।

उन्होने रासायन विज्ञान विभाग को शुभकामनाएं देते हुए भविष्य में इस तरह की कार्यशाला आयोजित करने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि चौरास परिसर के निदेशक प्रो. सीएम शर्मा और गढ़वाल विवि के कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार ने कहा कि छात्र-छात्राओं के अंदर कौशल विकास होना जरूरी है। कहा कि आज की प्रतिस्पर्धा के युग में व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने को उसके पास हुनरबंद होना जरूरी है। डीएसटी स्तुति कार्यक्रम के अध्यक्ष व रसायन विज्ञान विभाग श्रीनगर परीसर के विभागाध्यक्ष प्रो. डीएस नेगी ने विभाग की प्रगति तथा विभाग में अकॉबनिक भौतिक रसायन के साथ स्पेशलाइजेशन सत्र 2022 से प्रारम्भ करने व विषय विषेशज्ञ की नियुक्ति करने हेतु धन्यवाद दिया।

इस मौके पर डीन स्कूल ऑफ साइंस प्रो. एससी भट्ट ने कहा कि आज के इस वैज्ञानिक युग में छात्र-छात्राओं में कौशल विकास की अत्यंत आवश्यकता है। कार्यक्रम में प्रो. एससी सती ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर डीएसडब्ल्यू प्रो. एमएस नेगी, मुख्य नियंता प्रो. बीपी नैथानी, प्रो. आरपीएस नेगी, प्रो. हेमवती नंदन पाण्डेय, प्रो. नामदेव, प्रो. आरएस फर्त्याल, प्रो. मथुराप्रसाद थपलियाल, कार्यक्रम संयोजक डा. भास्करण, डा. जितेंद्र, डा. पीके होता, डा. नर्मता घिल्ड़ियाल, डा. सुरेंद्र पुरी, डा. रोहित महर, डा. पवन कुमार, डा. शिखा दुबे, डा. विभिष्ण राय, डा. नरेश, डा. विजयकांत, शुभम भट्ट, सीपी गौड़, हरेंद्र बिष्ट सहित आदि मौजूद थे।

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