पौड़ी गढ़वाल। पौड़ी जिले में अभी भी 10 शराब की दुकानें बंद चल रही है। जिससे अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है। जमकर ओवर रेटों पर शराब बेची जा रही है, वहीं पुलिस भी अवैध रूप से शराब बेचने वालों की धर पकड़ में जुटी हुई है।
जिले में नये सत्र से शराब की दुकानों का आवंटन तो हुआ , लेकिन इन दुकानों को खरीदने वाला कोई नहीं मिला। दुकानों के बढ़ते अधिभार को देखते हुए खरीददारों ने अपने पांव पीछे खींच लिए आलम यह है कि पौड़ी जिले कि कुल 42 दुकानों में से 10 दुकानें अभी भी बंद हैं। जिसमें जिले कि दो सबसे महंगी दुकानें पौड़ी व श्रीनगर शामिल है। जिले में इतनी शराब की दुकानें बंद होने से अवैध रूप से शराब का कारोबार चल रहा है। शराब माफियाओं द्वारा गांव-गांव तक शराब पहुॅचाई जा रही है। और सरकार को राजस्व का नुकसान भी झेलना पड़ रहा है। हालांकि जिले में पुलिस लगातार गश्त व मुखबिर की सूचना पर अवैध रूप से शराब का कारोबार करने वालों को पकड़ रही है। एसएसपी पौड़ी श्वेता चौबे ने बताया कि जनवरी माह स ेअब तक 40 से अधिक अवैध शराब का व्यापार करने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार कर आबकारी एक्ट में कार्यवाही की है। इनमें अधिकतर मामले अप्रैल माह के बाद के हैं।
शराब की दुकानों का आंवटन न होने से आबकारी विभाग की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। राजस्व का बडा नुकसान आबकारी विभाग को झेलना पड़ रहा है। आलम यह है कि आबकारी विभाग द्वारा जो दुकानें बंद चल रही हैं उनका किराया घटा दिया गया है। अब जिले कि सबसे महंगी श्रीनगर शराब की दुकान का अधिभार 19 करोड़ से घटाकर 13 करोड़ कर दिया गया है, लेकिन अभी भी खरीददार ढूढने से भी नहीं मिल रहे हैं। जिला आबकारी अधिकारी केपी सिंह ने बताया कि दुबारा इन दुकानों को खोलने के लिए टेंडर प्रक्रिया की गई है, जल्द ही टेंडर प्रक्रिया के बाद आवंटन किया जायेगा। बताया कि अगर ये सभी दुकानें आवंटित हो जाती है उन्हें 66 करोड़ के राजस्व का फायदा होगा। बता दें कि जिले कि 10 में से 9 दुकानों के लिए टेंडर प्रक्रिया दुबारा की गई है। वहीलं एक दुकान जनविरोध के कारण बंद ही रखी गई है।