पौड़ी गढ़वाल। जीबी पंत इंजिनियरिंग कॉलेज की इलेक्टीकल विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा भट्ट की आत्महत्या मामले में नया मोड़ आया है। परिजनों ने कोतवाली श्रीनगर में जीबी पंत इंजिनियरिंग कॉलेज घुडदौडी के निदेशक डॉ वाई.सिंह तथा विभाग के मौजूदा विभागाध्यक्ष डॉ ए. के.गौतम पर मानसिक उतपीडन व आम्तहत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। इस सबंध में परिजनों ने कोतवाली श्रीनगर में रिपोर्ट भी दर्ज कराई है।
दरअसल श्रीनगर गढ़वाल में बीते गुरूवार को एक महिला ने अलकनंदा नदी में छलांग मार दी थी, लेकिन इस दौरान एक युवक द्वारा नदी में कूद कर महिला को अलकनंदा के तेज बहाव से बचा लिया गया। जिसके बाद पुलिस व स्थानीय लोगों की सहायता से महिला को संयुक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया,यंहा प्राथमिक उपचार के बाद महिला को बेस अस्पताल श्रीकोट भेजा गया,लेकिन यहॉ महिला ने उपचार के दौरान देर शाम दम तोड़ दिया।
मृतका असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पति ने श्रीनगर थाना/ सीओ श्रीनगर को अपनी तहरीर देकर कहा है कि उनकी पत्नी का उनके पूर्व विभागाध्यक्ष और कॉलेज के वर्तमान निदेशक डॉ वाई.सिंह तथा विभाग के मौजूदा विभागाध्यक्ष डॉ ए. के.गौतम ने लगातार उत्पीड़न किया गया और उनकी पत्नी के मातृत्व अवकाश और बाद में पदोन्नति में रोड़े अटकाकर बेहद परेशान किया गया। इस बीच मनीषा की तीन महीने की बेटी की मृत्यु हो गई जिससे मनीषा और सदमे में आ गई वहीं इस दौरान भी विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा उसे मानसिक रूप से परेशान किया जाता रहा। साथ ही मृतका मनीशा भट्ट को नौकरी छोड़ देने या आत्महत्या करने के लिए भी मानसिक रूप से परेशान किया गया। जिस वजह से बेहद परेशान होकर उनकी पत्नी ने आत्महत्या कर की। वहीं दूसरी ओर जीबी पंत कॉलेज के निदेशक ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है कि उन्होनें कहा कि जब जब मनीषा द्वारा अवकाश मांगा गया उसे अवकाश दिया गया है। वहीं पूरे मामले पर पुलिस जॉच में जुट गई है। मृतक के पति ने विभागाध्यक्ष डॉ ए.के.गौतम और निदेशक डॉ याई.सिंह के विवादास्पद इतिहास का भी संज्ञान लेते हुये पुलिस से दोनों प्रोफेसरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवा दी है।