श्रीनगर: भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. सुधीर जोशी ने लाल किले को मुगल शासकों की निरंकुशता का प्रतीक बताते हुए देश के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से देश को किसी सनातन सांस्कृतिक धरोहरों से संबोधित करने की अपील की है। यहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए सुधीर जोशी ने कहा कि आजादी के बाद से ही यह पर्था चली आ रही है कि देश के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री लाल किले से देश को संबोधित करते हैं लेकिन यह लाल किला मुगल शासकों की निर्ममता और निरंकुशता का प्रतीक है। डा. सुधीर जोशी ने कहा कि 1949 के बाद सेना के करिअप्पा जब से फील्ड़ मार्शल बने तक से भारतीय सेना का स्थापना दिवस दिल्ली में मनाया जा रहा है, लेकिन वर्ष 2022 में भाजपा सरकार ने उसके दिल्ली के स्थान पर बेंगलुरू में आयोजित किया गया। इसी तर्ज पर वायुसेना का स्थापना दिवस लखनऊ में न होकर चंडीगढ़ में मनाया गया। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत शिंजो आबे और चीन के राष्ट्रपति भी जिनपिंग का स्वागत दिल्ली के बाजय गुजरात और बनारस में किया गया। उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्वतंत्रता एवं गणतंत्र दिवस के दिन होेने वाला कार्यक्रम मुगल शासकों की निर्ममता के प्रतीक लाल किले में न होकर भारतीय सनातन संस्कृति की गौरवशाली धरोहर से हो। जिससे राज्यों को इसका प्रतिनिधित्व करने का मौका तो मिलेगा साथ ही वहां का विकास होने के साथ ही वहां के लोगों को रोजगार मिलेगा।
उन्होने स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर देश का सम्बोधन हमारी भारतीय सनातन संस्कृति धरोहर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के प्रांगण और अगले वर्ष अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर से करवाये जाने की मांग की। डा. सुधीर जोशी ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार को नौ वर्ष पूर्ण होने पर भाजपायुमों 7 जून को अदिति स्मृति न्यास में नवमतदाताओं का सम्मेलन कर महासंपर्क अभियान शुरू करेंगा। अभियान के तहत 25 जून को लोकतंत्र इतिहास की सबसे बड़ी घटना आपातकाल पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित करेंगा। इस मौके पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र रावत, आशीष उनयिाल, मनीष बडोनी, विजय चमोली आदि मौजूद थे।