श्रीनगर। मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में मरीजों को बेहतर उपचार मिलने से मरीजों व परिजनों में खुशी है। वहीं मेडिकल कॉलेज से संबद्व बेस अस्पताल में अत्याधुनिक उपकरणों का भी प्रयोग किया जा रहा है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय का रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा मिलने पर मरीजों द्वारा डॉक्टरों का आभार जताया जा रहा है। यहीं नहीं खुद मरीज के परिजन पत्र के माध्यम से बेहतर चिकित्सा सेवा मिलने, डॉक्टरों के बेहतर व्यवहार पर अपना फीडबैक दे रहे है।
चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा मेडिकल कॉलेज में विशेष अत्याधुनिक उपकरणों की उपलब्धता करना भी मरीजों के इलाज को डॉक्टरों के लिए सरल और सुगम बना रहा है। कभी बेस चिकित्सालय में श्वास रोग विभाग में डॉक्टरों की कमी होने से बंद रहता था, किंतु प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा यहां डॉक्टरों की तैनाती करा कर आज पहाड़ के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही है। श्वास रोग विभाग के एचओडी डॉ. विक्की बख्शी अपने एक सीनियर डॉक्टर एवं छह जूनियर डॉक्टरों द्वारा 12 बेड का आईसीयू एवं 24 बेड का जनरल वार्ड संचालित कर मरीजों को इलाज किया जा रहा है। जबकि फेफड़ों संबंधी ब्रोंकोस्कोपी जांच के लिए यहां मशीन पहुंचने के बाद उक्त जांचे भी हो रहे है।
श्रीकोट क्षेत्र के धीरेन्द्र भंडारी गंभीर निमोनिया रोग से ग्रसित थे, तो उन्हें उप जिला चिकित्सालय श्रीनगर से रेफर कर विगत 30 मई को बेस चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जिसमें डॉ. विकी बख्शी की टीम ने मरीज की तमाम जांचे करने के बाद बेहतर इलाज दिया। जिस पर धीरेन्द्र भंडारी की बेटी सीमा भंडारी ने बेहतर इलाज मिलने पर डॉ. बख्शी और उनकी पूरी टीम का आभार जताया। साथ ही अस्पताल में सीटी स्केन से लेकर तमाम निरूशुल्क मिलने तथा यहां एडवांस चिकित्सा उपकरण देने पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का आभार प्रकट किया। उन्होंने पत्र लिखकर अस्पताल में मिली बेहतर चिकित्सा सेवा एवं डॉक्टरों के बेहतर व्यवहार पर बेहतर फीडबैक दिया।
स्लीप लैब और अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था का प्लान
रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. विक्की बख्शी ने बताया कि अल्ट्रासाउंड मशीन लगाने का प्लान है, ताकि फेफेड़ों से संबंधी बीमारी के मरीजों की जांच में आसानी होगी। जबकि स्लीप लैब के तहत पॉलीसोम्नोग्राफी मशीन लायी जायेगी। जिसमें नींद संबंधी गड़बड़ी के अंतर्निहित कारणों का मूल्यांकन एवं श्वास संबंधी दिक्कतों की जांच की जायेगी।