श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के उच्च शिखरीय पादप शोध केंद्र (हैप्रेक) के वरिष्ठ प्रध्यापक एवं डीन स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर एडं एलाइड सांइसेस प्रो. पी प्रसाद 32 वर्षों की शानदार सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत्त हो गये। उनकी सेवानिवृत्ति पर हैप्रेक के ओर से परंपरागत रूप से विदाई समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी। इस अवसर पर ढोल दमाऊ की थाप और फूल मालाओं से उनका जोरदार स्वागत किया गया।

समारोह में प्रो. पी प्रसाद को पहाड़ी टोपी, जाखट और शॉल ओडाकर सम्मानित किया गया। प्रो. पी प्रसाद 32 वर्षों से हैप्रेक विभाग के साथ ही अन्य प्रशानिक अधिकारी के पद पर अपनी सेवाएं दी है। मूल रूप से आंध्र प्रदेश निवासी प्रो. पी प्रसाद विगत 1991 में गढ़वाल विवि में रिसर्च ऑफिसर के पद पर तैनात हुए थे। उनके कार्यां के बलबूतों वर्ष 2009 में उन्हें पदोन्न्ती देकर उन्हें प्रोफेसर पद पर नियुक्ति मिली। तक से लेकर अब तक उनके मार्गदर्शन में 23 छात्र-छात्राओं ने अपनी पीएचड़ी की उपाधि पूर्ण कर चुके है।
अपने सरल, सहज और मिलनसार स्वभाव के चलते उन्हें हर किसी के मन में एक अमिट छोडी है। समारोह में हैप्रेक के निदेशक प्रो. एमसी नौटियाल ने कहा कि प्रो. प्रसाद ने सदैव ही पूरी निष्ठा व समर्पित भावना से संस्थान के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई और संस्थान के प्रति उनके सराहनीय योगदान को कभी नहीं भुला सकता। मंच का संचालन हैप्रेक के एसोसिएट प्रोफेसर डा. विजयकांत पुरोहित ने किया। इस मौके पर डा. विजयलक्ष्मी त्रिवेदी, डा. राजीव रंजन, डा. वैशाली चंदोला, डा. सुधीप सेमवाल, डा. प्रदीप डोभाल, जयदेव चौहान, अभिषेक जमलोकी, शुभम भट्ट, आरपी बडोनी, मनमोहन रतूड़ी, मुकेश करासी सहित आदि मौजूद थे।