श्रीनगर। जोशीमठ में एक बार फिर दरारें दिखने लगी है। जिसपर शंकराचार्य ने चिंता व्यक्त की है। श्रीनगर में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि जोशीमठ के लोगों की चिंताओं के समाधान को लेकर सार्थक प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। कहा ज्योर्तिमठ नर्सिंग मंदिर के दर्शन के बिना बदरीनाथ जी की यात्रा अधूरी है। जोशीमठ में बाइपास बनने से लोग यहां नहीं आएंगे। जिससे तीर्थ यात्री बदरीनाथ जी की यात्रा का सुफल प्राप्त नहीं कर पाएंगे।
बदरीनाथ धाम में महायोजना के प्रभावितों की पीड़ा के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि धाम के कपाट खुलने पर स्वयं उपस्थित था। धाम में पंडा, पुरोहित लोग चाबी लेकर पहुंचे, तो देखा कि उनके घर व दुकाने हैं ही नहीं। कुछ लोगों को मठ में शरण दी गई, जो अभी भी वहीं हैं। कहा महा योजना के प्रभावितों की कोई बात सुनी ही नहीं जा रही है। कहा धाम के रावल का अभिषेक कुर्म धारा व प्रह्लाद धारा के जल से होता है। लेकिन धाम में इन दोनों धाराओ के अस्तित्व को समाप्त कर दिया गया है। कहा ज्योर्तिमठ नर्सिंग मंदिर में दर्शन के बाद ही बदरीनाथ जी की यात्रा संपूर्ण मानी जाती है।
धर्म के अनुसार हर तीर्थ यात्री को जोशीमठ जाना ही होगा। बाइपास बनने से लोग ज्योर्तिमठ जा ही नहीं पाएंगे, तो उनकी यात्रा पूरी नहीं हो पाएगी। उसे यात्रा का फल कैसे प्राप्त होगा। चारधाम की यात्रा पूरी तरह धार्मिक है, इसमें धार्मिकता का पुट रखे रहना होगा। इस यात्रा में मनोरंजन व पर्यटन को शामिल किया जाएगा तो इससे लोग ऊब जाएंगे। इस मौके पर कमलेश्वर महादेव मंदिर के महंत आशुतोष पुरी, भोपाल चौधरी आदि मौजूद रहे।