श्रीनगर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड श्रीनगर में गढ़वाल विवि, केंद्रीय विद्यालय, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान एवं कौशल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एनईपी की समझ शीर्षक पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि एनआईटी निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षा में युवा पीढ़ी को अधिक कुशल, आत्मविश्वासी, व्यावहारिक और गणनात्मक बनाने का लक्ष्य निहित है। एनईपी 2020 में शिक्षा प्रणाली के साथ-साथ स्कूलों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों के मार्गदर्शन के लिए कई मूलभूत सिद्धांतों का समावेश किया गया है। कहा एनईपी के तहत एनआईटी के छात्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ गढ़वाल विवि से विभिन्न विषयों में शार्ट टर्म कोर्स भी कर सकेंगे। प्रो. अवस्थी ने कहा कि एनआईटी उत्तराखंड में एनईपी के क्रियान्वयन के लिए किए गए कार्यों कि जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक शोधगंगा पोर्टल पर संस्थान से अब तक निर्गत कुल पर 19 पूर्ण पाठ्य पीएचडी थीसिस को अपलोड किया जा चुका है, एकेडमिक बैंक क्रेडिट के तहत एनआईटी उत्तराखंड द्वारा अब तक 469 अकाउंट बनाए जा चुके हैं। कहा डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म को अपनाते हुए स्नातक छात्रों के डिग्री एवं प्रमाण पत्र अब डिजिलॉकर में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस प्लेटफॉर्म पर कुल 1809 डिग्रियां और 2837 मार्कशीट अपलोड किये जा चुके है। जिनमें से अब तक दर्ज कुल 4646 पुरस्कार में से 95 पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। कहा एनआईटी भविष्य में स्कूल टीचर्स और बच्चों के लिए एनईपी के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए लघु वीडियो प्रतियोगिता आयोजित करने की योजना पर कार्य कर रहा है। मौके पर एनआईटी डीन लालता प्रसाद, रजिस्ट्रार धमेंद्र त्रिपाठी, डायट के शिव कुमार भारद्वाज, केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य मनीष भट्ट, कौशल विकास से अर्चना सजवाण, महीप सिंह आदि ने जानकारी दी। डा.नितिन शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन डा. रेनू बडोला डंगवाल ने किया।