श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के हैप्रेक विभाग के ओर से भिलंगना ब्लॉक के सुदूवर्ती गांव पिंसवांण उर्णी में उच्च हिमालय में पाई जाने वाली दुर्लभ जड़ी-बूटी के पौधों का वितरण किया गया। इस अवसर पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डा. विजयकान्त पुरोहित ने ग्रामीण कृषकों को जड़ी-बूड़ी के कृषिकरण का प्रशिक्षण, उनका संरक्षण एवं उसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानकारी प्रदान। कहा कि जड़ी-बूटी की खेती कर ग्रामीण स्वाभिलंबी बन सकते है। ग्रामीण कृषकों ने जड़ी-बूटी की खेती करने में रुचि जताई गई। शुक्रवार को गढ़वाल विवि के हैप्रेक विभाग के ओर से जीवंती वेलफेयर एंड चैरिटेबल ट्रस्ट डॉबर इंडिया लिमिटेड परियोजना के तहत जनपद टिहरी के सुदूरवर्ती गांव पिंसवांण उर्णी में ग्रामीणों को जड़ी-बूड़ी के खेती करने के लिए जागरूक किया गया। इस मौके पर कृषकों को 1 लाख कुटकी, पांच हजार तगर और तीन सौ पौध अतीस की वितरित की गई। इस मौके पर वन विभाग के देवानंद नैथानी, ग्राम प्रधान धर्म सिंह जखेड़ी, हैप्रेक से जयदेव चौहान, अजय हेमदान, कुलदीप रावत सहित 90 किसानों ने सहभागिता की।