रोबिन मल्ल – उत्तराखण्ड में रोजगार की अपार संभावनाए मौजूद है जहा युवा रोजगार की तलाश में महानगरो की ओर भाग रहे है वही पहाड के बाशिंदे पहाड में रहकर यहा के संसाधनो का उपयोग कर आत्मनिर्भर बन रहे है वही उत्तराखण्ड के उत्पादो को भी प्रमोट कर रहे है आज हम आपको पहाड की ऐसी ही होनहार महिला की कहानी से रूबरू करागे जो देष भर में नमक वाली ब्रांड के नाम से पहाड के पिस्यू लूण का जायका देश भर में बिखेर रही है हम बात कर रहे पौडी जिले की यमकेश्वर ब्लाक के ग्वाडा की रहने वाली शशि बहुगुणा रतूडी की जो पहाडी पिसे नमक को को देश विदशो तक तो पहुचा ही रही हैै वही पहाड के उत्पादो को भी विदेशो तक पहुचा रही है और साथ ही स्वरोजगार की राह पर चलकर कई महिलो को भी रोजगार दे रही है।
ऐसे हुई नमक वाली ब्रेंड की शुरूआत
शशि बताती है की वे गांव में पहाडी गीत और मांगल गाती थे जिसके अभ्यास के दौरान एक महिला अक्सर पिस्यू लूण पिसकर लाती थी जिसका स्वाद सभी को खूब भाता था तो रोज वो महिला पिस्सा लूण पिसकर लाती थी तो फिर क्या था शशि नें इस पिस्यू लूण के स्वाद को लोगो तक पहुचाने की ठान ली आप नमक वाली की सफलता का राज इसी से लगा सकते है की वह अपने साथ 15 और महिलाओ को रोजगार दे रही है वो बताती है कोरोना काल के दौरान उन्होने नमक वाली बें्रड को सोषल मडिया के जरिये ग्लोबली बेचा उनका पिस्सा नमक अमेजन जैसी बडी इ कार्मस वेबसाइड पर भी मौजूद है।
पिस्से नमक के साथ पहाडी उत्पादो को भी पहुचा रही विदेशो तक
शशि ने नमक वाले ब्रेड की षुरूआत पिस्से हुए नमक से की अब व नमक के कई प्रकार के फलेवर भी लोगो तक पहुचाती है जैसे लहसुन,धनिया,अदरक वाला पिस्सा हुआ नमक और पहाडी स्वाद से भरे मैजिक मसाले,आरसे रोटने,पहाडी अचार भी अब लोगो के मुह का जयका बडा रहा है वही ष्षषि बताती है की उनके साथ स्थाई रूप से काम करने वाली महिला प्रति माह 10 हजार रूपये तक कमा लेती है ऐसी तकरीबन 10 महिलाए उनके साथ काम करती है शशि और उनके साथ रहने वाली महिलाए सिर्फ नमक ही नही बल्कि मांगल गीतो को गाकर उत्तराखण्ड की लोक परंपम्रा को बचाने की कोशिश कर रही है।