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पिथौरागढ़ के दारमा घाटी के बोन गांव में हैप्रेक ने बांटी दुर्लभ जड़ी बूटियों की पौध

Aug 13, 2023
Haprek distributed saplings of rare herbs in Bon village of Pithoragarh's Darma Valley
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धारचूला। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के उच्च शिखरीय पादप कार्यिकी शोध केंद्र (हैप्रेक) श्रीनगर ने धारचूला विकासखंड के दुर्गम ग्राम बोन में बड़ी संख्या में दुर्लभ औषधीय पौधों का वितरण किया। इस मौके पर किसानों को जड़ी-बूटी की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ग्रामीणों को औषधीय पौधों से होने वाले स्वास्थ्य व व्यवसायिक लाभ के बारे में भी जानकारी दी गई। गुरूवार को पिथौरागढ़ जनपद के दुर्गम ग्राम बोन में हैप्रेक विभाग ने डीबीटी परियोजना के अंतर्गत किसानों को बेशकिमती जड़ी-बूटी वितरित की।

हैप्रेक विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. विजयकांत पुरोहित के मार्गदर्शन में शोध छात्रों ने किसानों को कूटकी की 1 लाख पौध, एक हजार जटामांसी, 500 पौधे अतीस के वितरित किये। इस अवसर पर हैप्रेक के शोध छात्र जयदेव चौहान और अजय हेमदान ने किसानों को औषधीय पौधों की खेती से होने वाले लाभों के बारे में भी जानकारी दी। साथ ही कहा कि औषधीय पौधों की खेती कर किसान स्वाभिलंबी बन सकते है। साथ ही उन्होने किसानों को जड़ी-बूटी की खेती का प्रशिक्षण भी दिया। इस मौके पर पूर्व ग्राम प्रधान ग्राम प्रधान बोन किशन बोनाल सहित, आशा देवी,जसवंत सिंह आदी बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

 

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