श्रीनगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के ऑडिटोरियम में एनआईटी का चौथा दीक्षांत समारोह धूम-धाम के साथ मनाया गया। आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रि0 लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि दीक्षांत समारोह में शिरकत की। इस दौरान 116 छात्रों को उपाधि प्रदान की गई. जिसमें 90 बीटेक के छात्र 13 एमटेक, 12 पीएचडी व इस वर्ष पहली बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत एक छात्र को डिप्लोमा की डिग्री दी गयी। इस दौरान उपाधि धारकों के परिजन भी दीक्षांत समारोह में मौजूद रहे.
शनिवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के ऑडिटोरियम में एनआईटी उत्तराखंड का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। दीक्षांत समारोह की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच एक शानदार शैक्षणिक जुलूस के साथ हुई। पारम्परिक रूप से दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत माननीय निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने स्वागत भाषण और संस्थान के रिपोर्ट की प्रस्तुति की। यहां बतौर मुख्य अतिथि पहुॅचे राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि हम स्वतंत्रता के 77वें वर्ष में हैं। यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जब पूरे देश ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया हमें स्वतंत्रता हासिल करने में अपने पूर्वजों के बलिदान और कड़ी मेहनत को याद रखना चाहिए। आजादी का अमृत महोत्सव, तिरंगा यात्रा और मेरी मट्टी मेरा देश मनाने में समर्पण और उत्साह के लिए मैं एसएनआईटी उत्तराखंड की सराहना करता हूं। प्रो. अवस्थी ने मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर चंद्रशेखर, एवं समारोह में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों, छात्रों, उनके परिवार और दोस्तों और समारोह में उपस्थित सभी व्यक्तियों का स्वागत किया और सभी डिग्री प्राप्तकर्ताओं को, उनके परिवार और दोस्तों के साथ, करियर में एक मील का पत्थर हासिल करने के लिए बधाई दी।
शनिवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के ऑडिटोरियम में एनआईटी उत्तराखंड का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। दीक्षांत समारोह की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच एक शानदार शैक्षणिक जुलूस के साथ हुई। पारम्परिक रूप से दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत माननीय निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने स्वागत भाषण और संस्थान के रिपोर्ट की प्रस्तुति की। यहां बतौर मुख्य अतिथि पहुॅचे राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि हम स्वतंत्रता के 77वें वर्ष में हैं। यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जब पूरे देश ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया हमें स्वतंत्रता हासिल करने में अपने पूर्वजों के बलिदान और कड़ी मेहनत को याद रखना चाहिए। आजादी का अमृत महोत्सव, तिरंगा यात्रा और मेरी मट्टी मेरा देश मनाने में समर्पण और उत्साह के लिए मैं एसएनआईटी उत्तराखंड की सराहना करता हूं। प्रो. अवस्थी ने मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर चंद्रशेखर, एवं समारोह में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों, छात्रों, उनके परिवार और दोस्तों और समारोह में उपस्थित सभी व्यक्तियों का स्वागत किया और सभी डिग्री प्राप्तकर्ताओं को, उनके परिवार और दोस्तों के साथ, करियर में एक मील का पत्थर हासिल करने के लिए बधाई दी।
स्थाई कैंपस बनने की कवायदें तेज
2010 में एनआईटी उत्तराखंड की स्थापना हुई थी, एनआईटी के स्थाई परिसर के लिए सुमाड़ी के लोगों ने अपनी जमीन भी दान दी लेकिन अभी तक यहां एनआईटी का स्थाई परिसर बनकर तैयार नहीं हो पाया है. एनआईटी का संचालन श्रीनगर गढ़वाल स्थित अस्थाई कैंपस में किया जाता आ रहा है. हालांकि अब सुमाड़ी में स्थाई परिसर बनने की कवायदें तेज हो चुकी है. साथ ही श्रीनगर गढ़वाल स्थित अस्थाई कैंपस को भी एनआईटी के दूसरे कैंपस के रूप में विकसित किया जा रहा है. सुमाड़ी में स्थायी परिसर का निर्माण के बारे में प्रोफेसर अवस्थी ने कहा की मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पिछले 14 वर्षों में पहली बार एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर के निर्माण में सभी बाधाओं को दूर कर दिया गया है। सुमाड़ी परिसर में निर्माण कार्य की निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली है। परिसर का पहला चरण 60 एकड़ की भूमि पर 1260 छात्रों को समायोजित करने के लिए निर्माण कार्य किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 650.85 करोड़ रुपये है। उन्होंने माननीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार और सचिव, उच्च शिक्षा, भारत सरकार को 20ः का अतिरिक्त अनुदान प्रदान करने के लिए आभार प्रकट किया।